नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एम्स), दिल्ली के 65वें स्थापना दिवस समारोह का शुभारंभ करते हुए शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के इस अभूतपूर्व और कठिन दौर में टेली-मेडिसिन तथा टेली-परामर्श के माध्यम से चिकित्सा सुविधाएं सुचारू रूप से जारी रखने में एम्स का योगदान अत्यंत प्रशंसनीय है। आज ही के दिन एम्स में स्रातक पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई थी और एमबीबीएस का पहला बैच वर्ष 1956 में आया था।
डॉÞ हर्षवर्धन ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा नेशनल इंस्टिट्यूट रैंकिंग में शामिल चिकित्सा संस्थानों में एम्स के शीर्ष स्थान पर रहने के लिए बधाई दी। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि एम्स ने स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं, शिक्षा और अनुसंधान में उच्च मानक हासिल करने के लिए लगातार कार्यरत है। कोविड-19 महामारी के दौरान एम्स के व्यापक योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोरोना वायरस से 50 लाख से अधिक रोगी संक्रमित हुए, लेकिन भारत की स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली ने न केवल निदान के क्षेत्र में बहुत कुशलता प्रदर्शित की, अपितु प्रबंधन सुविधाओं में भी बेहतर कार्य किया।
इसके अलावा मृत्यु की संख्या न्यूनतम तथा ठीक हुए मरीजों की संख्या अधिकतम रही।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं इस बात की सराहना करता हूं कि पिछले छह महीने में एम्स ने कोविड-19 के पीड़ति रोगियों की देखभाल की बड़ी जिम्मेदारी ली और अनुसंधान के क्षेत्र में नवाचार किया, देश भर के साथियों को मार्गदर्शन दिया तथा शिक्षण और सूचना के नये तरीके विकसित किए।’’ कोविड-19 के खिलाफ जंग के बारे में डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘भारत की रिकवरी दर लगातार बढ़ रही है और मृत्यु दर में निरंतर गिरावट आ रही है, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में सभी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा अपनायी गयी कंटेनमेंट रणनीति की सफलता साबित हुई है।
हमने सफलतापूर्वक अपनी जांच क्षमता का विस्तार किया है। आज लगभग 15 लाख जांच का नया रिकॉर्ड बना है, देश भर में 1,800 से अधिक जांच प्रयोगशालाएं कार्यरत हैं। मुझे उपचार और कोविड-19 के वैक्सीन की दिशा में जारी कार्य पर विश्वास है और देश शीघ्र कोविड-19 के खिलाफ जंग में अधिक सफलता हासिल करेगा।’’ इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कोविड-19 के संकट काल में चिकित्सकों के अथक और निस्वार्थ कार्य की सराहना की।
उन्होंने कहा कि एम्स ने अपनी बेहतर प्रतिष्ठा बनाई है और शैक्षिक, अनुसंधान तथा रोगियों की देखभाल के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एम्स, नई दिल्ली में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी आदि देशों के विद्यार्थी पढ़ने आते हैं, जो यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी कहा कि एम्स अपने ही किस्म का एक ऐसा संस्थान है, जिसमें अति-उन्नत सुविधाएं हैं। सरकार एम्स की सेवाओं का देश के हर कोने में विस्तार करने के प्रयास कर रही है।
समारोह में डॉ. हर्षवर्धन और चौबे ने स्रातक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों और शिक्षा संकाय के सदस्यों को पुरस्कार और पदक प्रदान किए। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘यह प्रत्येक मेडिकल छात्र का स्वप्न होता है कि वह एम्स का छात्र बने। एम्स के 65वें स्थापना दिवस पर मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि ऐसे कुछ विचारों पर मंथन किया जाए, जो देश में चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने मददगार हों।’’ केन्द्रीय मंत्री ने कोरोना काल में एम्स प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
इसमें एम्स के योगदान को दिखाया गया है। एम्स के सभी विभागों ने कोविड-19 की जांच और मूल्यांकन, नमूने लेने की प्रक्रिया और प्रयोगशाला के कामकाज जैसे विषयों को प्रदर्शित किया। इस अवसर पर चंडीगढ़ पीजी आईएमईआर के प्रोफेसर दिगम्बर बेहड़ा, एम्स नई दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रणदीप गुलेरिया, एम्स नई दिल्ली की डीन डॉ. अनिता सक्सेना, वैज्ञानिक प्रदर्शनी समिति के अध्यक्ष डॉ. पीयूष साहनी और अन्य वरिष्ठ डॉक्टर उपस्थित रहे।