नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए केन्द्रीय बैंक के तैयार रहने का हवाला देते हुये आज कहा कि भारत में अपार संभावनायें है और यह अवश्य तीव्र गति से बढ़ेगा तथा इसके लिए हम सभी को मिलकर और समय पर काम करने की आवश्यकता है।
दास ने उद्योग संगठन फिक्की की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक को संबोधित करते हुये कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 21 वीं सदी में उभरती हुयी आर्थिक शक्ति बनाने की संभवानाओं और अवसरों के पूर्ण उपयोग करने के लिए नीतिगत महौल बनाये गये हैं और इसके लिए कदम भी उठाये गये हैं।
उन्होंने अर्थव्यवस्था को गति देने वाले क्षेत्रों का उल्लेख करते हुये कहा कि नये अवसरों को भुनाने के लिए भारत के पास अपार संभावनायें हैं। शिक्षा में मानव संसाधन और स्वास्थ्य, उत्पादकता, निर्यात, पर्यटन और खाद्य प्रसंस्करण जैसे पांच प्रमुख कारक हैं जो मध्यमकाल में भारत के विकास को तीव्र गति प्रदान करने में सक्षम है।
दास ने कहा कि सभी संकेत बता रहे हैं कि सुधार चरणबद्ध होंगें क्योंकि अर्थव्यवस्था को पुन: खोलने की पहल को कोरोना संक्रमण में हो रही बढोतरी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने उद्योग से शोध एवं विकास में अधिक निवेश करने का आग्रह करते हुये कहा कि निजी क्षेत्र को वैश्विक आपूर्ति श्रृखंला में प्रवेश करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।