नई दिल्ली। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता आज ने ट्वीट कर जानकारी देते हुए बताया है कि इस संगठन ने एक अभियान शुरू किया था जिसके तहत खालिस्तान के समर्थन में 'रेफरेंडम 2020' यानी जनमतसंग्रह के लिए लोगों से वोटर के तौर पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए कहा जा रहा है। के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ग़ैर क़ानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम (UPA), 1967 के तहत सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) एक गैरकानूनी संगठन है।
उसने अपने उद्देश्य के लिए समर्थकों के पंजीकरण (Registration) करने के वास्ते एक अभियान शुरू किया था। अमेरिका स्थित सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ) एक खालिस्तान समर्थक समूह है। गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'ग़ैर क़ानूनी गतिविधि (निरोधक) अधिनियम (यूएपीए), 1967 के तहत सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) एक गैरकानूनी संगठन है। उसने अपने उद्देश्य के लिए समर्थकों के पंजीकरण करने के वास्ते एक अभियान शुरू किया था।
गृह मंत्रालय की सिफारिश पर इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 के सेक्शन 69 ए के तहत एसएफजे की 40 वेबसाइट पर रोक लगाने के आदेश जारी किये।' इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) भारत में साइबर स्पेस की निगरानी करने के लिए नोडल एजेंसी है।
पिछले वर्ष गृह मंत्रालय ने एसएफजे को कथित राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। एसएफजे ने अपने अलगाववादी एजेंडे के तहत सिख जनमत संग्रह पर जोर दिया था। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह संगठन खालिस्तान के उद्देश्य का खुले तौर पर समर्थन करता है और ऐसा करके भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देता है।