नई दिल्ली। चीन के वुहान शहर से निकलकर पूरी दुनिया में मौत का तांडव रचने वाले कोरोना वायरस ने अब भारत में भी अपना विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है। देश में कोविड -19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 25 मार्च से लॉकडाउन किया गया है। पिछले 2 महीनों से भी ज्यादा समय से लॉकडाउन जारी रहने के बावजूद भी देश में कोरोना वायरस संक्रमण की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार (26 मई) तक देश में कोरोना के एक लाख 45 हजार 380 मामले सामने आ चुके हैं। 4 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। पहले दूसरे लॉकडाउन में जहां सरकार की ओर से रियायतें कम दी गई थीं तो कोरोना के मामले भी काबू में थे, लेकिन तीसरे चौथे लॉकडाउन में जैसे ही छूट बढ़ाई गई वैसे ही इस महामारी के मामले भी बढ़ गए।
आपको बता दें कि पिछले तीन सप्ताह पहले देश में कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की संख्या 43 हजार के आस-पास थी जबकि इसके बाद महज तीन सप्ताह में ही भारत में यह आंकड़ डेढ़ लाख के करीब जा पहुंचा है यानि कि इन तीन सप्ताह में ही देश में कोरोना वायरस संक्रमण के एक लाख से भी ज्यादा मरीज पाए गए। तीन सप्ताह पहले अगर हम मौतों का आंकड़ा देखें तो 1400 मौतों की पुष्टि हो चुकी थी। आपको बता दें कि मौजूदा समय देश में कोरोना वायरस के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर एक लाख 45 हजार के पार जा चुकी है।
भारत में अगर कोरोना वायरस संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की बात करें तो महाराष्ट्र इनमें शीर्ष पर रहेगा। महाराष्ट्र में 52 हजार से अधिक कंफर्म कोरोना वायरस से संक्रमित केस पाए गए हैं। यहां पर लगभग 1700 लोगों की इस महामारी से मौत हुई है। दूसरे नंबर पर बात करें तो तमिलनाडु का नाम आता है इस राज्य में अब तक करोना वायरस के लगभग 17 हजार से भी ज्यादा मामले आए हैं। बात मध्य प्रदेश की करें तो वहां पर कुल मरीजों का आंकड़ा 6859 है, जिसमें 300 लोगों की मौत हो चुकी है।