शिमला। हिमाचल प्रदेश में बेमौसमी बारिश और बर्फबारी ने बागवानों और किसानों की मुश्किले बढ़ा दी हैं क्योंकि बारिश के साथ ओलावृष्टि और अंधड़ से सेब सहित अन्य फलों का बौर झड़ गया। इससे पहले मार्च में भी लगातार पहाड़ों में बर्फबारी और निचले इलाकों में बारिश व ओलावृष्टि होने से प्लम की करीब 60 से 70 फीसदी फसल को नुकसान हुआ है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इन दिनों सेब के बगीचों में फ्लावारिंग का दौर शुरू हो गया है। शिमला और कुल्लू जिलों में 95 प्रतिशत लोग बागवानी से जुड़े हैं। मौसम की बेरुखी ने हजारों बागवानों की चिंता को बढ़ा दिया है।
मौसम रोजाना कई रंग दिखा रहा है। आज भी दोपहर तक राज्य में धूप खिलने के बाद राजधानी सहित कई क्षेत्रों में बारिश हुई। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि गुरुवार और शुक्रवार को भी प्रदेश में बारिश और बर्फबारी होने के आसार हैं। बीते 24 घंटों में रोहतांग दर्रा सहित कुल्लू और लाहौल स्पीति जिले की ऊंची चोटियों में ताजा हिमपात हुआ और निचले क्षेत्रों में बारिश का क्रम जारी रहा। केलांग में पांच सेंटीमीटर बर्फ गिरी, इसके इलावा डलहौजी में 15, कसौली और मनाली में 9, बंजार और सिओबाग में 5, सराहन, गोहर, रामपुर और कल्पा में 5 और भुंतर और मनाली में 4 मिलीमीटर बर्षा हुई।
इस दौरान केलांग में न्यूनतम तापमान शून्य से कम 1.6 डिग्री ,कल्पा में 0.2 डिग्री रहा। इसकी प्रकार कुफरी में 3.1, डलहौजी 3.2, मनाली 2.0, शिमला में 7.7, सुंदरनगर 9.7, भुंतर 7.5, धर्म शाला में 9.8 जबकि अन्य नगरों सोलन, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, मंडी, कांगडा और उना में न्यूनतम पारा 9 डिग्री से 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ मनमोहन सिंह ने बताया कि अगले दो दिनों तक मौसम खराब रहने की संभावना है। इस दौरान राज्य में कुछ स्थानों पर वर्षा और पहाड़ों पर हिमपात हो सकता है।