नई दिल्ली। कोरोना वायरस दुनियाभर में फैला हुआ है। कोरोना वायरस के खिलाफ देशभर में लॉकडाउन की स्थिति है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। देश में अब तक 500 से ज्यादा संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं जिनका इलाज चल रहा है। करीब 40 मरीज ऐसे हैं जो इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। इसी कड़ी में दिल्ली के पहले कोरोनावायरस मरीज रोहित दत्ता सामने आए हैं।
रोहित दत्ता ने अपना अनुभव शेयर किया है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें कोरोना का पता चला..फिर उन्होंने क्या किया। दत्ता ने बताया कि क्वारंटाइन में क्या होता है? कैसे आपका इलाज किया जाता है? उन्होंने बताया, आइसोलेशन वार्ड कोई काल-कोठरी नहीं है। सरकार ने सभी सुविधाएं की हुई हैं, जिसे भी खांसी-जुकाम हो चेक करवाए। उन्होंने बताया, होली के दिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने खुद वीडियो कॉल कर बात की थी।
रोहित ने बताया कि आइसोलेशन वॉर्ड किसी भी प्राइवेट वॉर्ड के वीआईपी रूम से बेहतर था। वहां सादा और बेहतर खाना मिलता था। घरवालों से बात भी करता था। नेटफ्लिक्स पर दो फिल्में देखीं। चाणक्य की किताबें पढ़ीं। न्यूज फॉलो की, सोशल मीडिया पर देख रहा था कि क्या चल रहा है। रोहित ने बताया कि होली का दिन उनके लिए जरूर थोड़ा मायूसी भरा था, क्योंकि वह पहली बार इस दिन अपने परिवार से दूर अकेले अस्पताल में थे। हालांकि फोन पर सबसे बात हो रही थी, लेकिन एक खालीपन सा भी लग रहा था। उसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि उनकी पूरी मायूसी दूर हो गई।
रोहित बताया कि वह सब लोगों को बहुत मिस कर रहे थे और सोच रहे थे कि बस किसी तरह होली के साथ-साथ इस कोरोना का भी दहन हो जाए। उसी दौरान दोपहर में खुद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन की विडियो कॉल आई। यह देखकर रोहित को एक चौंकाने वाला, लेकिन सुखद अहसास हुआ। उन्होंने बताया कि हेल्थ मिनिस्टर ने उन्हें होली की शुभकामनाएं देते हुए उनका हालचाल पूछा, अस्पताल के इंतजामों और इलाज को लेकर उनका फीडबैक लिया और यह कहकर उनका हौसला बढ़ाया कि वह जल्द ही अपने घर जा सकेंगे।
रोहित ने बताया कि करीब 10-12 मिनट की उस विडियो कॉल के दौरान जब डॉ. हर्ष वर्धन ने उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री भी उनका हालचाल जानना चाहते हैं और उन्होंने भी उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है, तो यह सुनकर उन्हें बेहद अच्छा लगा। रोहित ने कहा कि उस वक्त पूरे देश की नजर मुझ पर ही थी। सबको लग रहा था कि पता नहीं मैं वापस घर लौट भी पाऊंगा या नहीं, लेकिन डॉक्टरों को पूरा विश्वास था कि मुझे कुछ नहीं होगा। मेरी हर कंडीशन को बारीकी से मॉनिटर किया जा रहा था।
रोहित ने सरकार के द्वारा कोरोना पर नियंत्रण के लिए किए जा रहे प्रयासों की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि मुझे इतना याद है कि हर्ष वर्धन जी पहले जब हेल्थ मिनिस्टर थे, तब उन्होंने देश को पोलियो मुक्त बनया था और इस बार वह देश को कोरोना मुक्त बनाकर रहेंगे। इसके लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान वह लगातार ठीक होते जा रहे थे और यह बात उन्हें अंदर से महसूस भी हो रही थी। इस बीच 9 और 11 मार्च को उनके दोबारा सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे गए और जब दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई, उसके बाद ही उन्हें 14 तारीख को छुट्टी दी गई।