नई दिल्ली। निर्भया के दोषियों को 3 मार्च की सुबह 6 बजे फांसी दी जानी है। ऐसे में दोषियों की बेचैनी बढ़ गई है। इतना ही नहीं निर्भया के चारों दोषी फांसी से बचने के लिए हर जोर आजमाइश भी कर रहे हैं। निर्भया गैंगरेप केस के दोषियों में से एक विनय शर्मा को फांसी से बचाने के लिए वकील पूरी कोशिश कर रहे हैं। अब विनय शर्मा ने फांसी टालने के लिए एक और नया दांव चला है। उसके वकील एपी सिंह ने चुनाव आयोग में अर्जी दाखिल की है। जिसमें खारिज हुई विनय की दया याचिका को लेकर सवाल उठाया गया है।
चुनाव आयोग में दाखिल की गई अर्जी में कहा गया है कि जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन ने 29 जनवरी को राष्ट्रपति के पास विनय की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की तो वो ना तो मंत्री थे और ना ही विधायक। दोषी विनय शर्मा के वकील एपी सिंह ने कहा कि सत्येंद्र जैन ने 30 जनवरी को अपना साइन व्हाट्स ऐप के जरिए भेजा। अर्जी में कहा गया है कि ऐसे में दया याचिका खारिज करना गैरकानूनी और असंवैधानिक है, क्योंकि उस समय दिल्ली में चुनाव के लिए आदर्श चुनाव संहिता चल रही थी। अर्जी में चुनाव आयोग से कानूनी संज्ञान लेने की मांग की गई है।