नई दिल्ली। बेंगलुरु में आयोजित सीएए-विरोधी रैली में एक छात्रा द्वारा पाकिस्तान परस्त नारे लगाने को बीजेपी नेताओं ने देश-विरोधी करार दिया है। नेता इसे "पाकिस्तान समर्थकों की देश में अशांति फैलाने की कोशिश" करार देते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। फ्रीडम पार्क में आयोजित सीएए-विरोधी रैली में 18 साल की छात्रा अमूल्या लियोना के नारे लगाने पर पुलिस ने स्वत: संज्ञान लिया। पुलिस ने अमूल्या के हाथ से माइक छीना और उन पर IPC की धारा 124A के तहत देशद्रोह का आरोप तय किया। पुलिस के मुताबिक उसने देश के लोगों में नफ़रत फैलाने का प्रयास किया।
रैली में अमूल्या ने माइक हाथ में आते ही 'पाकिस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगाने लगीं। यह सुनते ही रैली के आयोजक और स्टार स्पीकर AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी माइक छीनने के लिए अमूल्या की तरफ दौड़े। नारों के वक्त ओवैसी नमाज़ पढ़ने जाने के लिए मंच से उतर रहे थे।
आयोजकों और ओवैसी के आने के बावजूद अमूल्या अपनी जगह खड़ी रहकर 'हिंदुस्तान ज़िंदाबाद' के नारे लगाती रहीं। फिर उन्होंने यह स्पष्ट करने की कोशिश की कि आखिर वह पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे क्यों लगा रही थीं। लेकिन सकते में आए ओवैसी और आयोजकों ने अमूल्या की बात पूरी नहीं होने दी। उन्होंने अमूल्या से माइक छीनने और उसे मंच से हटाने में पुलिस की मदद की।
अमूल्या बेंगलुरु के एक कॉलेज में पढ़ती हैं। इससे पहले अमूल्या सीएए-विरोधी रैली में कन्नड़ भाषा में दिए अपने ज़ोरदार भाषण की वजह से चर्चा में आई थीं। फेसबुक पर अमूल्या अपना परिचय बताती हैं कि वह कोप्पा की रहने वाली हैं और बेंगलुरु के NMKRV कॉलेज फॉर विमिन में पढ़ती हैं।
इसके बाद गुस्से में आए ओवैसी ने 'पाकिस्तान मुर्दाबाद' के नारे लगाए और लिबरल्स पर बरस पड़े। उन्होंने कहा, "इन सो कॉल्ड लिबरल्स को बता रहा हूं मैं, तुम बनाओ अपना शाहीन बाग, बिलाल बाग। हमें आकर मत समझाओ। तुम समझते हो कि तुम काबिल हो और हम काबिल नहीं हैं। हमें आपका पैट्रनाइज़िंग ऐटिट्यूड (संरक्षणवादी रवैया) नहीं चाहिए।
ओवैसी ने यह भी कहा, "मैं आयोजकों से कहता हूं कि वो ऐसे लोगों को अपनी रैली में न बुलाएं। मैं मगरिब की नमाज़ पढ़ने जा रहा था। तभी सुना इस महिला ने ये नारा लगाया। मुझसे नहीं रहा गया और दौड़कर आ गया यहां। अगर वो औरत नहीं होती, तो मैं क्या कर लेता। अब मौका मिल गया बीजेपी को। अब कल वो बोलेंगे ओवैसी की रैली में नारा बोला गया।