नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने जून, 2017 में अपने अमेरिकी दौरे के दौरान ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भारत आने का आमंत्रण दिया था। फिर जब 'हाउडी मोदी कार्यक्रम' के दौरान वह ह्यूस्टन में ट्रंप से मिले तब फिर उन्हें भारत आने का न्यौता दिया। अब लगता है कि ट्रंप भारत आने को तैयार हैं। अगर सब कुछ ठीक रहा तो अगले महीने के अंत तक अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारत के दौरे पर आ सकते हैं। उनके आने की तिथि को तय करने के लिए दोनो देशों के उच्च स्तरीय अधिकारियों के बीच लगातार संपर्क बना हुआ है।
संभावना इस बात की है कि राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ अमेरिकी संसद में चल रहे महाभियोग पर अंतिम फैसला आने के बाद ही उनकी भारत यात्रा को लेकर भी अंतिम निर्णय होगा। सूत्रों के मुताबिक, 'राष्ट्रपति ट्रंप के भारत आने को लेकर लगातार अमेरिकी सरकार के संबंधित अधिकारियों से बात हो रही है लेकिन अभी तक पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता है।
ट्रंप अपनी वैश्विक कूटनीति के साथ ही घरेलू राजनीति में भी बुरी तरह से फंसे हुए हैं। लेकिन यह भी ध्यान रखना होगा कि अगर फरवरी-मार्च, 2020 तक उनकी यात्रा नहीं हो पाती है तो शायद उनके लिए इस कार्यकाल में भारत आना संभव नहीं हो सकेगा।' दरअसल इसके बाद ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव में व्यस्त होंगे।
अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव चार वर्षो के अंतराल पर होता है और नवंबर, 2020 में नए राष्ट्रपति के लिए वोटिंग होगी। राष्ट्रपति ट्रंप ने सितंबर, 2019 में मोदी के साथ न्यूयार्क में हुई मुलाकात में भी कहा था कि वह जल्द से जल्द भारत आने की मंशा रखते हैं। सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी प्रशासन स्वयं ही ट्रंप की यात्रा को जल्द करवाने को लेकर उत्साहित हैं।
ट्रंप की संभावित यात्रा भारत सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता भी कही जाएगी। अभी सीएए व एनआरसी को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन व कई यूरोपीय देशों में भारत के फैसले पर सवाल उठाये जा रहे हैं तब ट्रंप की यात्रा से यह संदेश दिया जा सकेगा कि भारत की उक्त नीतियों को लेकर अमेरिकी प्रशासन साथ है। कश्मीर को लेकर भी अमेरिकी प्रशासन अभी तक मिला जुला संदेश दे रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप स्वयं कई बार कश्मीर में मध्यस्थता करने की बात कर चुके हैं। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह कश्मीर की स्थिति को लेकर चिंतित है।