अयोध्या। अयोध्या में विवादित रामजन्मभूमि विवाद मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में पूरी होने पर संतोष व्यक्त करते हुये हिन्दू और मुस्लिम समाज ने बुधवार को एक सुर में कहा कि उन्हे न्यायालय का फैसला सर्वसम्मति से मान्य होगा। श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि मंदिर-मस्जिद के विवाद की उच्चतम न्यायालय में सुनवाई आज पूरी हो गयी है। अब केवल फैसला आना है। देश की जनता को इस फैसले का सम्मान करना चाहिये। उन्होंने जोर देते हुए कहा ‘‘ जहां तक अयोध्या का सवाल है तो यह भगवान श्रीराम की जन्मस्थली है और मुझे पूरा विश्वास है कि अब दूर नहीं है जब विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण होगा। ’’ विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने भी मंदिर-मस्जिद की सुनवाई पर कहा कि अब वह दिन दूर नहीं जब रामलला का भव्य मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या आज भी अमन-चैन वाला शहर है और आगे भी रहेगा।
विवादित श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि यह बड़ी खुशी की बात है कि उच्चतम न्यायालय में चल रही सुनवाई आज पूरी हो गयी है और अब देश भर के करोड़ों रामभक्तों को अदालत के फैसले का इंतजार है। जहां तक अयोध्या का सवाल है तो यह नगरी पहले भी शांत थी और आगे भी रहेगी क्योंकि सौहार्द का जो फूल यहां से जाता है वह पूरे देश में महकता है। इस मामले में बाबरी मस्जिद के मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा ‘‘ अयोध्या विवाद की सुनवाई पूरे होने पर आज मैं बड़ा सुकून महसूस कर रहा है। अब वह दिन दूर नहीं है जब देश की जनता सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सुनने के बाद दोनों पक्षकार मानेंगे।
हम तो बराबर अपने बयान में यह कहा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला होगा उसको मुस्लिम समाज तो मानेगा ही इसको हिन्दू समाज को भी मानना चाहिये। अयोध्या आज भी अमन-चैन का संदेश देती है और आने वाले समय में भी अमन चैन रहेगा।’’ अयोध्या की हनुमानगढ़ी मंदिर के पास निवास कर रहे उम्रदराज रामकिशन ने कहा कि मंदिर-मस्जिद विवाद के कारण नित्य होने वाली उठापटक से यहां की जनता वास्तव में ऊब चुकी है। यहां के बाशिंदे अमन चैन पसंद है और यही कारण है कि उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के बाद सबने राहत की सांस ली गयी है। एक दशक से ज्यादा समय से इस मुद्दे को लेकर उठने वाले झंझावातों से तंग लोगों का मानना है कि इस विवाद का हल अब हो ही जायेगा, जिससे सामान्य आवाजाही पर रोक, ठप व्यापार, कर्फ्यू की सदैव आशंका तथा कभी भी किसी अनहोनी के घटित होने का भय यहां के लोगों की एक नियति सी बन गयी थी।