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7800 किलो खिचड़ी में गडकरी ने डाला मसाला और धनिया पत्ती, 50 हजार लोग करेंगे भोजन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 30 2023 2:34PM | Updated Date: Nov 30 2023 2:34PM
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केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की परिकल्पना के तहत नागपुर में खासदार सांस्कृतिक महोत्सव इन दिनों शुरू हो गया है। महोत्सव के सुबह के सत्र में ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय के परिसर में आज 7800 किलो की खिचड़ी का महाप्रसाद तैयार किया गया। जानकारी दे दें कि आज गजानन विजय ग्रंथ का पाठ भी किया गया। इसीलिए भारत के फेमस शेफ विष्णु मनोहर ने गजानन महाराज के लिए 7800 किलो खिचड़ी का महाप्रसाद तैयार किया है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी पहुंचे।

सांसद खासदार संस्कृति महोत्सव समिति के अनुसार, लगभग 50,000 भक्तों को इस महाप्रसाद का लाभ मिलेगा। समिति ने कहा कि गजानन महाराज कहते थे कि अन्न ही पूर्ण ब्रह्म है, इस खिचड़ी का जिक्र उनकी पोथी में भी है, इसलिए आज भक्तों के लिए 7800 किलो की खिचड़ी बनाई गई है। इसी कारण केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी खिचड़ी में तड़का लगाने के लिए पहुंचे हैं और उन्होंने विष्णु मनोहर के साथ बन रही खिचड़ी में मसाले और धनिया पत्ता डाला है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि रोज हजारों लोग सांस्कृतिक महोत्सव में आते हैं। इस बार की विशेषता यह है कि सिर्फ मनोरंजन के कार्यक्रम के अलावा साहित्य,संस्कृति, नाटक, भक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। साथ ही यहां 7800 किलो की खिचड़ी बनी है जिसे 50,000 लोग खाएंगे, नितिन गडकरी ने आगे कहा कि विष्णु मनोहर में इतनी खिचड़ी एक साथ बनाकर एक रिकॉर्ड बनाया है।

विष्णु मनोहर ने इस बारे में कहा कि इस खिचड़ी को चावल, अरहर की दाल, मूंग की दाल, चना दाल, पत्ता गोभी, प्याज, गाजर, मूंगफली, धनिया, तेल, घी, नमक, हल्दी, मिर्च, गरम मसाले, दही, चीनी और पानी का उपयोग करके तैयार किया गया है। विष्णु मोहन ने आगे कहा कि उन्हें लगा था कि शुरू में 3000 से 4000 किलो की खिचड़ी बनेगी, लेकिन खिचड़ी बनते बनते 7800 किलो की खिचड़ी बन गई है।

जानकारी दे दें कि गजानन महाराज राज्य के जाने-माने संत हुआ करते थे। बता दें कि संत गजानन महाराज साइ बाबा के समकालीन संत थे। जानकारी के मुताबिक, गजानन महाराज ने 8 सितंबर 1910 में समाधि ली थी। इनका अब विदर्भ के शेगाँव में विशाल मंदिर स्थित है। इस मंदिर में महाराष्ट्र के साथ-साथ पूरे भारत से भक्त उनके दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

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