मुंबई। NCP ने मंगलवार को कहा कि गोवा में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। एनसीपी ने कहा कि वह शिवसेना के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। बता दें कि यह पहली बार होगा जब एनसीपी और शिवसेना गोवा में एक साथ चुनाव लड़ेंगे। गठबंधन को अंतिम रूप देने के लिए एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल और शिवसेना के संजय राउत इस समय गोवा में हैं। एक बैठक कर दोनों पार्टियां घोषणा कर सकती है कि कौन कितने सीटों पर मिलकर चुनाव लड़ेगी। गोवा में महाराष्ट्र गठबंधन के प्रयोग को दोहराने का विचार था, लेकिन कांग्रेस ने शायद ऐसा करने से इनकार कर दिया, जिसकी पुष्टि एनसीपी ने मंगलवार को की। NCP नेता पटेल ने कहा, ‘कांग्रेस का कहना है कि वे गोवा में अपने दम पर चुनाव जीत सकती है।एनसीपी नेता ने कहा, ‘NCP और शिवसेना की मदद के बिना कांग्रेस अगर तटीय राज्य में अपने दम पर विधानसभा चुनाव लड़ती है तो वह एक भी सीट हासिल नहीं कर सकती है। गौरतलब है कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने सोमवार को कहा था कि हम कांग्रेस के साथ गोवा में चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन कुछ स्थानीय नेताओं के कारण गठबंधन नहीं हो सका। 18 जनवरी को हमारे महासचिव और एक मंत्री गठबंधन के बारे में बात करने के लिए गोवा जाएंगे। मगर अब NCP ने इस बात की घोषणा कर दी कि वह गोवा में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ने 36-36 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इनमें से कांग्रेस को 17 तो बीजेपी को 13 सीटों पर जीत मिली थीं। वहीं गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) ने चार सीटों पर चुनाव लड़कर तीन सीटों पर जीत का परचम फहराया था। इसके अलावा महाराष्ट्रवादी गोमान्तक पार्टी (एमजीपी) ने 34 सीटों पर चुनाव लड़ा था, हालांकि उसे सिर्फ तीन सीटों पर ही जीत मिली थी। इसके अलावा 3 सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों के खाते में और एक सीट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP)के खाते में गई थी। गोवा की 40 विधानसभा सीटों पर एक ही चरण में चुनाव होंगे। 14 फरवरी को गोवा में मतदान होंगे जबकि 10 मार्च को नतीजे आएंगे। 21 जनवरी को नामांकन शुरू हो जाएंगे। 28 जनवरी को नामांकन की आखिरी तारीख होगी। कोरोना महामारी को देखते हुए चुनाव आयोग ने इस बार सख्त प्रोटोकॉल तैयार किए हैं। इसके अनुसार, 15 जनवरी तक किसी भी रैली, रोड शो और पदयात्रा की इजाजत नहीं होगी।