धार। ऐतिहासिक भोजशाला में सर्वे पर रोक लगाने की मांग को लेकर मुस्लिम पक्ष को फिलहाल राहत नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोर्ट में पहले से ही काफी काम पेंडिंग है। इससे इस मामले पर तुरंत सुनवाई होना संभव नहीं है। मौलाना कमालुद्दीन वेलफेयर सोसाइटी ने दाखिल की यह है याचिका। सर्वे से जुड़े हाई कोर्ट के आदेश पर रोक की मांग की गई है।
मध्य प्रदेश में भोजशाला परिसर में एएसआई के सर्वेक्षण की शुरुआत पर हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इंदौर उच्च न्यायालय के पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने के फैसले के अनुपालन में आज एएसआई ने अपना सर्वेक्षण शुरू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार दिया।
धार की ऐतिहासिक भोजशाला को लेकर सर्वे कार्य शुरू हो चुका है। इसके लिए आवश्यक सामग्री भी अंदर भेजी जा चुकी है। सर्वे में जिन श्रमिकों की आवश्यकता होगी उन श्रमिकों को भी अंदर भेज दिया गया है। सर्वे का लगभग एक घंटा पूरा हो चुका है। फिलहाल यह तय किया जा रहा है कि किस तरह से सर्वे की प्रक्रिया को आगे जारी रखा जाएगा।
इधर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को अपने ही आदेश के चलते नमाज भी आज अदा करवाना होगी। शुक्रवार होने के कारण भोजशाला में मुस्लिम समाज को नमाज की अनुमति होती है। इसलिए प्राथमिक रूप से माना जा रहा है कि दोपहर 12:00 तक सर्वे का प्रथम चरण पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद जुम्मे की नमाज के लिए तैयारी की जाएगी और दोपहर 1 से 3 बजे तक नमाज अदा होने के बाद फिर से सर्वे का दूसरा चरण शुरू हो जाएगा।
सर्वे करने के लिए पांच विशेषज्ञों की टीम पहले ही धार पहुंच चुकी थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का कहना है कि सर्वे की शुरुआत के बाद यह स्थिति स्पष्ट होगी कि यह सर्वे कितने दिन चलेगा। इसकी वजह यह है कि सर्वे करने के लिए कौन-कौन सी तकनीक या विशेषज्ञ की आवश्यकता होगी। यह पता लगाया जाएगा। कोर्ट ने जो आदेश दिया है उसका पालन किया जा रहा है। ये विशेषज्ञ 22 मार्च को तय कर पाएंगे कि किस तरह से सर्वे को आग बढ़ाया जाए। तकनीकी विशेषज्ञ तय करेंगे कि उन्हें खोदाई आदि को लेकर आगे क्या करना है। किस तरह प्रमाण एकत्रित करना है। सर्वे का पहला दिन इस लिहाज से खास होगा।
धार की ऐतिहासिक भोजशाला में सर्वे के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग का दल भी सूरज उगने से पहले ही धार पहुंच चुका था। सुबह से ही यहां पर बाहरी परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। फिलहाल मीडियाकर्मियों को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। सूर्योदय होते ही सर्वे टीम अंदर पहुंची और प्राथमिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। वही हिंदू समाज की ओर से अंदर गोपाल शर्मा एवं आशीष गोयल गए हैं।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जैसे-जैसे आवश्यकता होगी। वैसे-वैसे उपकरण भी यहां पर लाए जाएंगे। साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सर्वे में जैसे विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी, वैसे विशेषज्ञों को भी तैनात किया जाएगा। नईदुनिया से चर्चा में एडिशनल डाइरेक्टर जनरल, संस्कृति मंत्रालय डाॅ आलोक त्रिपाठी ने कहा था कि हम शुक्रवार 22 मार्च से सर्वे को शुरू कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हमें हाई कोर्ट के आदेश का पालन करना है। उसी के आदेश के तहत पूरी प्रक्रिया की जाएगी। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह सर्वे कितने दिन चलेगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता है। क्योंकि भोजशाला में हमारे पांच विशेषज्ञ जो भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग से संबंधित है, वह यह तय कर पाएंगे कि उन्हें कितने दिन सर्वे करना है।
साथ ही यह भी विशेषज्ञ ही तय कर पाएंगे कि यहां पर किस तरह की मशीनों की आवश्यकता होगी। इस तरह से अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। यह सर्वे की शुरुआत होने बाद में विशेषज्ञ द्वारा तय किया जाएगा कि किस तरह से आगामी प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।