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भाजपा नेता प्रहलाद लोधी की सजा पर फिलहाल रोक

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 8 2019 12:33AM | Updated Date: Nov 8 2019 12:33AM
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जबलपुर। मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने एक अधिकारी के साथ मारपीट से जुड़े आपराधिक मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता प्रहलाद लोधी को भोपाल की विशेष अदालत द्वारा सुनायी गयी दो साल की सजा पर आज रोक लगा दी। राज्य उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधीश वी पी एस चौहान ने पवई से भाजपा के विधायक प्रहलाद लोधी की दो साल की सजा पर अगले दो माह के लिए रोक लगा दी है। इस मामले की अगली सुनवायी दो माह बाद आगामी सात जनवरी तय की गयी है। अदालत ने आदेश में लिखा है कि याचिकाकर्ता प्रहलाद लोधी की सजा पर रोक के पक्ष में मजबूत आधार लगता है। आवेदक के अधिवक्ता ने बताया है कि सजा और जुर्माना 31 अक्टूबर को सुनाया गया और उन्होंने चार नवंबर को अपील लगायी। विधानसभा अध्यक्ष ने बहुत ही जल्दी दिखाते हुए दो नवंबर को आवेदक की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने संबंधी आदेश पारित कर दिया।
 
साथ ही सीट को भी रिक्त घोषित कर दिया। इन स्थितियों में सजा पर रोक बहुत आवश्यक है, क्योंकि आवेदक राज्य विधानसभा का सदस्य है। उच्च न्यायालय ने विधानसभा सचिवालय के दो नवंबर के आदेश का जिक्र करते हुए अपने आदेश में लिखा है कि उसे (न्यायालय) लगता है कि सजा पर रोक लगाने की जरूरत है। उच्च न्यायालय ने उसके समक्ष पेश की गयीं दलीलों के हवाले से यह भी दृढ़ राय व्यक्त की है कि जिस तरह से निचली अदालत के समक्ष अभियोजन की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, उसके आधार पर भी आवेदक के पक्ष में मजबूत आधार है। इसलिए भी अदालत आवेदक की सजा पर रोक लगाने के लिए प्रवृत हुयी है। इसके पहले कल इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
 
अदालत ने आज सुनाए गए फैसले में कहा कि आवेदक प्रहलाद लोधी की सजा पर सात जनवरी तक रोक रहेगी। हालाकि इस दौरान आवेदक किसी भी आपराधिक कृत्य में लिप्त नहीं पाया जाना चाहिए। पन्ना जिले में एक सरकारी अधिकारी को बीच सड़क पर रोककर उनके साथ मारपीट करने से जुड़े आपराधिक मामले में भोपाल की विशेष अदालत ने 31 अक्टूबर को प्रहलाद लोधी समेत लगभग एक दर्जन आरोपियों को दोषी पाते हुए दो साल की कैद और जुर्माने की सजा सुनाई है। हालांकि लोधी को तत्काल जमानत का भी लाभ मिल गया। इसके दो दिन बाद ही दो नवंबर को विधानसभा ने उच्चतम न्यायालय के एक आदेश का हवाला देते हुए प्रहलाद लोधी की विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी और संबंधित पवई विधानसभा सीट को रिक्त घोषित करते हुए इसकी सूचना निर्वाचन आयोग को भेज दी। इसके बाद भाजपा नेता प्रहलाद लोधी की ओर से उच्च न्यायालय में दायर की गयी याचिका में सजा तथा विधानसभा की सदस्यता समाप्त किये जाने को चुनौती दी गयी।
 
याचिका में कहा गया है कि अवैधानिक तरीके से उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त की गयी है। उन्हें सुनवाई का कोई अवसर प्रदान नहीं किया गया, जो प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। याचिका की सुनवाई के दौरान कल राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि उच्चतम न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि दो साल या उससे अधिक की सजा होने पर जनप्रतिनिधि की सदस्यता तत्काल समाप्त कर दी जाये। याचिका के संबंध में दोनों पक्षों को सुनने के बाद एकलपीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। याचिकाकर्ता की तरफ से पूर्व महाधिवक्ता आर एन सिंह तथा पुरूषेन्द्र कौरव और सरकार की तरफ से महाधिवक्ता शशांक शेखर ने पैरवी की।
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