इंदौर। मध्यप्रदेश के कोरोना हॉट स्पॉट लगभग 32 लाख की आबादी वाले इंदौर जिले में 9 लाख से ज्यादा आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत नागरिकों के लिए निजी अस्पतालों के 420 बिस्तर और 11 लाख से अधिक आर्थिक रूप से असक्षम निर्धन वर्ग के नागरिकों के लिए जिले के शासकीय अस्पतालों में एक हजार से ज्यादा कोरोना समर्पित बिस्तरों को आरक्षित रखा गया हैं, हालांकि इन अस्पतालों में इलाज में लगने वाले महंगे इंजेक्शन का खर्च रोगियों को स्वयं वहन करना हैं।
जिले के कोरोना प्रबंधन के नोडल अधिकारी डॉ आमित मालाकार ने यूनीवार्ता को बताया कि जिले के छह चिन्हित निजी कोविड केयर केंद्रों में केवल उन्ही संक्रमितों, संदेहियों और असंक्रमितों को निशुल्क उपचार मिल सकेगा जो आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत हैं। शेष आर्थिक रूप से असक्षम संक्रमितों, संदेहियों और असंक्रमितों को निशुल्क उपचार के लिए जिले के चार शासकीय अस्पतालों में एक हजार से ज्यादा बिस्तर उपलब्ध हैं।
डॉ मालाकार ने बताया राज्य सरकार के लोक स्वास्थ्य मंत्रालय ने बीते 21 मार्च को एक आदेश जारी कर जिले के छह ‘इम्पैनल्ड’ अस्पतालों की सूची जारी की है। इन छह निजी कोविड केयर केंद्रों में अरविन्दों मेडिकल साइंस कॉलेज, इंडेक्स मेडिकल साइंस कॉलेज एंड रिसर्च सेंटर, सेंट फ्रांसिस्को हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, ट्रू केयर हॉस्पिटल, यूनिक सुपर स्पेशलिटी सेंटर और वर्मा यूनियन हॉस्पिटल शामिल हैं।
इक्कीस सौ बिस्तरों वाले इन छह अस्पतालों में न्यूनतम बीस फीसदी बिस्तर यानी 410 बिस्तर आरक्षित रखने के निर्देश जारी किये हैं। डॉ मालाकार ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि इन चिन्हित निजी अस्पतालों में गंभीर श्रेणी के रोगियों के लिए आवश्यक गहन चिकित्सा इकाई, उच्च निर्भरता इकाई और ऑक्सीजन बिस्तरों की आरक्षित संख्या महज 60 से ज्यादा नहीं है। शेष सामान्य रोगियों के लिए जरूर इन अस्पतालों में तीन सौ से ज्यादा बिस्तर आरक्षित हैं। वर्तमान में इन बिस्तरों पर शत प्रतिशत रोगी भर्ती बताये गए हैं।
डॉ मालाकार ने बताया कि जिले चार शासकीय अस्पतालों में जरूर 900 से ज्यादा उक्त गंभीर श्रेणियों के रोगियों के बिस्तर आरक्षित है। जिन पर वर्तमान में 80 फीसदी से ज्यादा रोगियों का इलाज जारी है। डॉ मालाकार ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि अस्पतालों में भर्ती होने वाले ज्यादातर संक्रमितों को दिया जाने वाला ‘रेमेड्सवियर’ का इंजेक्शन न आयुष्मान भारत योजना के तहत पंजीकृत रोगियों को निशुल्क दिए जाने के नियम है और न शासकीय अस्पतालों में भर्ती संक्रमित अपंजीकृत असक्षम रोगियों को निशुल्क दिए जाने के नियम है अथवा व्यवस्था हैं।
साढ़े तीन हजार के वेध न्यूनतम मूल्य से अलग अलग अधिकतम मूल्य में अलग-अलग दवा विक्रेताओं द्वारा यह इंजेक्शन बेचा जा रहा हैं। इसके प्रति रोगी छह डोज लगाए जा सकते हैं। लिहाजा इसका महंगा खर्च वहन करना आसान नहीं हैं। डॉ मलाकर ने एक प्रश्न के उत्तर में बताया कि शासकीय अस्पतालों तथा आयुष्मान भारत योजना के तहत ‘इम्पैनल्ड’ अस्पतालों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कुछ गंभीर रोगियों को दिए जाने वाला ‘टॉसिललीजुमेब’ इंजेक्शन भी रोगियों सशुल्क: की लगवाना होता है। जी बाजार में लगभग 35 से 40 हजार रूपये प्रति इंजेक्शन के दाम में उपलब्ध है।
इसके अलावा इंदौर के लगभग 49 निजी अस्पतालों में तीन हजार से ज्यादा कोरोना समर्पित बिस्तर इलाज के लिए उपलब्ध हैं। इन अस्पतालों में प्रति बिस्तर दो हजार से साढ़े पांच हजार तक का शुल्क प्रतिदिन कोरोना रोगियों से लिया जा रहा रहा हैं। एक निजी अस्पताल के संचालक ने बताया कि आईसीयू में उपचार उपकरण और सुविधाओं में बेहद व्यापक विकल्प हैं।
इन्हीं उपकरणों और सुविधाओं के एवज में रोगी से हम 15 हजार से 35 हजार तक प्रति दिन शुल्क लेते हैं। जिले में बीते एक 15 दिनों से कोरोना के प्रतिदिन रिकार्ड संक्रमित सामने आ रहे हैं। जिले में वर्तमान में 2700 से ज्यादा एक्टिव केस की संख्या हैं। साढ़े नौ सौ से ज्यादा इलाज के दौरान दम तोड़ चुके हैं। राहत की खबर है कि जिले में 65 हजार से ज्यादा सामने आये संक्रमितों से 95 फीसदी से ज्यादा स्वास्थ्य करार दिए जा चुके हैं।