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Sport

जसकरन सिंह ने कहा- मेरे ओलंपियन पिता मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: May 22 2021 8:49PM | Updated Date: May 22 2021 8:49PM
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बेंगलुरु। हॉकी ओलंपियन एवं पूर्व कोच राजिंदर सिंह जूनियर के बेटे एवं भारतीय हॉकी टीम के मिडफील्डर जसकरन सिंह ने कहा है कि वह अपने पिता को अपनी सबसे बड़ी प्रेरणा मानते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 2019 में पदार्पण करने वाले 27 वर्षीय मिडफील्डर ने कहा, ‘‘ मैंने अपने पिता की वजह से हॉकी खेलना शुरू  किया, जो एक ओलंपियन हैं। वह 1984 ओलंपिक टीम का हिस्सा थे। उन्होंने 2000 के दशक में राष्ट्रीय टीम को कोचिंग भी दी, इसलिए मेरी बचपन की यादें हॉकी को लेकर ही हैं। इतना ही नहीं मैं उन्हें देखते हुए बड़ा हुआ हूं, बल्कि मैंने उनके अधीन अपने कौशल को भी निखारा है। वह मेरे पहले कोच और मेरी  प्रेरणा हैं। यही कारण है कि मैंने हॉकी खेलना शुरू किया और इसी वजह से मैं आज यहां हूं। ’’ 
 
वर्ष 2012 से 2019 तक राष्ट्रीय हॉकी चैंपियनशिप में पंजाब एंड सिंध बैंक हॉकी अकादमी का प्रतिनिधित्व कर चुके जसकरन ने कहा, ‘‘मैं जूनियर स्तर पर ज्यादा कुछ नहीं कर सका, लेकिन कड़ी मेहनत के बाद और  अपने पिता की प्रेरणा तथा मार्गदर्शन की मदद से मुझे पंजाब एंड सिंध बैंक हॉकी अकादमी के लिए खेलते हुए 2019 में राष्ट्रीय शिविर के लिए पहली बार आमंत्रित किया गया। मैंने इसी वर्ष पदार्पण किया था और उसके बाद मैंने कभी पीछे  मुड़कर नहीं देखा। अपने पिता की तरह, मैं ओलंपिक में अपने देश का  प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं।’’ 
 
जसकरन ने अपने हमवतन साथियों मनदीप सिंह और मनप्रीत सिंह के साथ तालमेल के बारे में कहा, ‘‘हमारे घर दो-तीन किमी के दायरे में हैं। ये दोनों मेरी काफी मदद करते हैं। मिडफील्डर और स्ट्राइकर के बीच अच्छी समझ होना महत्वपूर्ण होता है और मुझे लगता है कि हमारे बीच समझ स्वभाविक तौर पर पैदा हो जाती है, क्योंकि हम लंबे समय से एक साथ खेल रहे हैं। ’’ उन्होंने अपने पहले अर्जेंटीना दौरे और करियर के तीसरे अंतरराष्ट्रीय दौरे पर कहा, ‘‘मैं बहुत लंबे समय के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहा था इसलिए मैं अपना शत प्रतिशत देने पर ध्यान दे रहा था। मुझे पूरे दौरे पर प्रशिक्षकों का पूरा सहयोग मिला। वरिष्ठ खिलाड़यिों ने भी मेरा मनोबल बढ़ाया और ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना के खिलाफ खेलने के लिये मुझे आत्मविश्वास दिया। उन्होंने पूरे दौरे में मेरी गलतियों में सुधार करने में मदद की, इसलिए निजी तौर पर मुझे इस दौरे में काफी कुछ सीखने को मिला। ’’ 
 
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