नई दिल्ली। वाट्सएप से जासूसी मामले में कंपनी की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि उसने भारत सरकार की शिकायत को गंभीरता से लिया है और वह भारतीयों की निजता के साथ किसी तरह का खिलवाड़ न हो, इस मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ी है। इसलिए कंपनी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए कठोर कदम उठाए हैं। विवाद शुरू होने पर केंद्र सरकार ने फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी वाट्सएप से यह जानकारी मांगी कि इजरायल के स्पाइवेयर 'पेगासस' ने फोन को किस तरह प्रभावित किया गया।
इजरायली स्पाइवेयर पेगासस ने भारतीय मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों को निशाना बनाया और फोन के जरिये उनकी जासूसी की। वाट्सएप को 4 नवंबर तक केंद्र सरकार को इस मामले में जवाब देना है। भारत सरकार ने वाट्सएप से यह भी पूछा है कि इस मामले में उसकी तरफ से अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। साथ में सरकार ने यह भी कहा कि कंपनी यह सुनिश्चित करे कि भारतीयों के डेटा के साथ किसी तरह का खिलवाड़ नहीं हो।
वाट्सएप की तरफ से कहा गया है कि इजरायल के सर्विलांस फर्म एनएसओ ग्रुप के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जो जासूसी के इस खेल के पीछे है। इसी फर्म ने लगभग 1400 महत्वपूर्ण लोगों के फोन को हैक किया और उनकी जासूसी की जा रही थी। इन लोगों में कई देशों के डिप्लोमैट, पत्रकार, राजनीति क्षेत्र से जुड़े लोग शामिल हैं। हालांकि अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि किन लोगों के कहने पर इतने लोगों की जासूसी की जा रही थी और इसका क्या मकसद है।