मुंबई। OMG2 अपने ट्रेलर रिलीज के बाद से ही विवादों में है। फिल्म को सेंसरबोर्ड द्वारा मिले कट्स और अडल्ट सर्टिफिकेट की वजह से मेकर्स इसकी रिलीज को लेकर संशय में हैं। हालांकि रिलीज को लेकर कोई ऑफिशियल बयान नहीं जारी किया गया है। इसी बीच बता दें, OMG की रिलीज के वक्त भी उसे कुछ ऐसे ही कंट्रोवर्सी से गुजरना पड़ा था। आलम यह था कि निर्देशक को जान से मारने की धमकी तक मिल गई थी।
OMG को उमेश शुक्ला ने डायरेक्ट की थी। उमेश हमसे अपनी फिल्म से जुड़े विवाद और कई पहलूओं को शेयर करते हैं। OMG की मेकिंग के दौरान अपने स्ट्रगल पर उमेश शुक्ला बताते हैं, ' वैसे मेरा स्ट्रगल खास था नहीं। ये आइडिया मैंने अपने गुजराती ड्रामा प्ले से लिया था। प्ले काफी सक्सेसफुल था। उसमें भी कोई कंट्रोवर्सी खड़ी नहीं हुई थी। बहुत लॉजिक से सवाल और जवाब पर आधारित फिल्म थी। भगवान को लेकर जो मान्यता है, उसे लेकर आस्था और नास्तिकता पर ही था। अंधविश्वास को लेकर जो धंधा चल रहा है, उसका भी पर्दाफाश था। मैंने कहानी से यही समझाने की कोशिश की थी, कि मन के अंदर जो होता है, उसे ही मंदिर कहते हैं। फिल्म बहुत ही बैलेंस सी थी, इसमें हमने भगवान के एंगल को दर्शाया था। फिल्म में जो लॉजिकल सवाल उठाए गए थे, उसका जवाब भी खुद भगवान दे रहे थे। फिल्म इतनी नपी-तुली थी कि सेंसर बोर्ड की ओर से कंट्रोवर्सी नहीं हुई थी बल्कि उसे यू सर्टिफिकेट भी मिला था।'
उमेश आगे कहते हैं, 'हां।। गॉडमेन को लेकर जो विवाद भी हुआ था, वो बहुत कम था। आजकल जिस तरह चीजें विवादों में घिरती जा रही है। उतना नहीं हुआ था। दर्शकों ने इस फिल्म को दिल से एक्सेप्ट किया था। बच्चों के बीच फिल्म भी पॉप्युलर हुई थी। उमेश बताते हैं, जब यह फिल्म आई, तो मुझे कुछ बड़े दो तीन गॉडमेन की तरफ से फोन आए थे। उन्होंने मुझसे डायरेक्ट यह बात कही थी कि आप नहीं बचोगे। आपको हमारे पावर का अंदाजा नहीं है। मार दिए जाओगे। हालांकि मेरे पास उनके लिए कोई जवाब नहीं थे। मैं उनके कॉल्स सुनकर डरता नहीं था।'
उमेश आगे कहते हैं, 'हां, आप देखें, कितने सारे गॉडमेन तो अभी जेल में हैं। मेरा किसी से कोई पर्सनल इश्यू तो था नहीं। मैं खुद एक कर्मकांडी ब्राह्मण हूं। ग्रैजुएशन से पहले मैं लोगों के घरों में जाकर पूजा करवाता था। सत्यनारायण की कथा और शादियां तक करवाई हैं। मेरे सामने पंडित अगर गलत मंत्र पढ़ता है, तो मैं फौरन उसे टोक सकता हूं। ऐसा नहीं है कि मैंने ऐसे ही बना ली थी फिल्म। मेरे जेहन में ये बात उस वक्त से ही थी कि लोगों का पाखंड समझ नहीं आता था। वो किस तरह की श्रद्धा की बात कर रहे हैं। कैसे उन्हें 20 मिनट में पूजा खत्म करवाना होता था। मुझे तो यही लगता था कि ज्यादातर लोग यहां सोशल गैदरिंग करने के लिए पूजा रखते थे। मेरे कई सवाल थे। मैंने एक सीन रखा था, जहां मिथुन का किरदार नाचते हुए घड़ी बांट देता है। मुझे उससे दिक्कत थी। अगर वो कोई झाड़-पत्ता होता, तो कोई बात नहीं थी। ऐसे हजारों वीडियोज आपको सोशल मीडिया पर दिख जाएंगे। इन साधु संतों के पास ब्रांडेड घड़ी, सोने की थाल ये सब कहां से और क्यों आते हैं। उन्हें इसकी क्या जरूरत है।'
ओह माय गॉड के कट्स पर उमेश कहते हैं, 'फिल्म में केवल दो सीन्स ही काटे गए थे। एक सीक्वेंस था, एक सीन है जहां फाइव स्टार होटल में जाकर कांजीलाल रिश्वत ले लेता है।' OMG2 को मिले 22 कट्स और अडल्ट सर्टिफिकेट पर रिएक्ट करते हुए उमेश कहते हैं, 'मैंने अभी तक फिल्म नहीं देखी है। अमित राय जो फिल्म के डायरेक्टर हैं, वो बहुत ही सेंसिबल है। मैं उनकी टीम को बधाई देना चाहता हूं, जानता हूं कि बहुत ही मेहनत से अच्छी फिल्म बनाई होगी। फिल्म मैंने देखी नहीं है, तो उस पर कुछ कहना सही नहीं होगा।'
इन दिनों फिल्मों को मिल रहे आउटरेज रिएक्शन पर उमेश कहते हैं, 'बात दर्शकों का इंसेसिटिव हो जाना नहीं है। मैं मानता हूं कि आपके कंटेंट में कुछ अपमानजनक चीजें होगी, तो लोगों की भावना को ठेस पहुंचेगी। अगर आप ऐसे कंटेंट नहीं दिखाएंगे, तो क्यों लोग मुद्दा बनाएंगे।आप किसी ऐसी छवि को अलग रूप या अलग तरह से दिखाओगे, तो जाहिर सी बात है गुस्सा आएगा ही। अब मेरी फिल्म की बात करें, मैंने कृष्ण भगवान को जिस रूप में दिखाया था, उसका जस्टिफिकेशन यही था कि हम आज के दौर की बात कर रहे हैं, तो क्या भगवान अपग्रेड नहीं हो सकते हैं? अब हमारे बड़े बुर्जुग धोती पहनते थे, इसका मतलब यह तो नहीं है न कि हम धोती नहीं पहनेंगे। हमारा जस्टिफिकेशन ऐसा था कि एक भूला भटका आदमी है, जो बातें लॉजिकल करता है। उसे थोड़ा गाइडेंस की जरूरत है। अगर यहां अक्षय सीधे कृष्ण भगवान के रूप में आते, तो शायद उसे कांजीलाल फैंसी ड्रेस वाला बोलकर भगा देता। मेरा यहां भगवान का ऐसा भी इंटरप्रीटेशन था कि वो शाम,दाम,डंड भेद तरीके का इस्तेमाल कर अपने बंदों से काम करवाते हैं। उसी की वजह से अक्षय का कॉस्ट्यूम ऐसा रखा गया, वो बाइक से आया। इसमें कुछ गलत या उल्टा-सीधा नहीं दिखाया गया है।'
OMG2 को जब अडल्ट सर्टिफिकेट मिल चुका है, तो फिर उसमें कट्स की क्या जरूरत है। इसपर सेंसर बोर्ड के मंशे पर उमेश कहते हैं, 'कट्स का कभी-कभी होना सही होता है। अगर जनता में रोष पैदा हो जाए और वो तोड़-फोड़ करने लगे, तो उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। हर चीज अगर अडल्ट देकर संभल सकती है, तो फिर आप कुछ भी दिखा सकते हैं। हर चीज दिखाई नहीं जा सकती होगी न, इसलिए कट्स लगाए होंगे। ऐसी चीजें नहीं दिखाया जाए, तो भड़काऊ हों जिससे जनता के जान का खतरा हो। आप किसी के गुस्से को कंट्रोल नहीं कर पाते हो।'
पिछले कुछ सालों में हम बहुत इंसेंसिटव हुए हैं, 'देखो हमारे देश में ऐसा है। हम अपनी कुछ चीजों को लेकर सेंसेटिव हैं। अब अमेरिका में जाकर देखें, तो लोग उनके नैशनल फ्लैग की बिकीनी, चप्पल तक पहनते हैं। उनके लिए वो इश्यू नहीं है। यहां इन सब चीजों को सेंसिटिव तरीके से लिया जाता है। ओपनहाइमर के के डायरेक्टर क्रिस्टोफर नॉलेन को शायद यहां की सेंसिटिविटी का पता नहीं होगा। मैं मानता हूं कि किसी के इमोशन को आखिर हर्ट करना ही क्यों है। बेशक एक क्रिएटिव पर्सन के तौर पर मैं हमेशा से मानता हूं कि हमें फिल्म के जरिए एक स्टेटमेंट देना चाहिए। अगर हमें ऐसा प्लैटफॉर्म मिला है, जहां हम अपनी बातों को रख सकते हैं, तो फिर सच को रखने से डरना भी नहीं चाहिए। हां, इसके लिए मुझे हर पहलू को देखना होगा कि मेरे बात कहने से लोगों के बीच रोष पैदा नहीं हो। अपनी बातों को रखने से झिझकना नहीं चाहिए लेकिन मर्यादा का ध्यान रखना जरूरी है।'
OMG अगर इस वक्त में आती, तो क्या ऐसा रिएक्शन झेलना पड़ता। इसके जवाब में उमेश कहते हैं, 'नहीं, मुझे लगता है, उसे उस वक्त जो सफलता मिली, उसे अब भी वो ही सक्सेस मिलती। बहुत ही रैशनल और लॉजिकल फिल्म थी। अब भी देखो, उसके हर फ्रेम में हम यूनिटी की बात कर रहे हैं। खुद कृष्ण गीता, कुरान, बाइबल लाकर उसे दे रहे हैं और सबके एक होने की बात कह रहे हैं। क्लाइमैक्स में भी एक स्ट्रॉन्ग मेसेज दिया है।'
'मैंने इसके लिए बहुत से सब्जेक्ट्स ढूंढे थे। मैंने बहुत रिसर्च वर्क किया था। मैंने तो 8 से 10 स्क्रिप्ट तो खुद ही बनाने की कोशिश की थी। लेकिन मैं खुद ही इससे संतुष्ट नहीं था। मेरा ऐसा मानना था कि अगर मैं OMG का सीक्वल लेकर आता हूं, तो उससे दो कदम आगे ही हो। मैं इस पर वर्कआउट नहीं कर पा रहा था। जो मैं सोच रहा था, वैसा नहीं बन पा रहा था। ऐसा नहीं था कि मैंने अक्षय जी और परेश जी को सुनाई हो और उन्होंने रिजेक्ट कर दी हो।'