राजधानी दिल्ली (Delhi) में युवाओं में नशे की लत और अपराध की मानसिकता कितनी प्रबल हो रही है, इसकी बानगी देखने को मिली। बाहरी दिल्ली के पश्चिम विहार वेस्ट थाना इलाके में नशे में धुत 4 नाबालिगों समेत कुल 7 लोगों ने शराब की तलब को पूरी करने की नीयत से बीते सोमवार की शाम एक शख्स को न सिर्फ लूटा बल्कि उसके विरोध करने पर ताबड़तोड़ चाकू से गोद कर उसकी हत्या (Murder) कर दी और फिर मौके से फरार हो गए। हालांकि, वे ज्यादा देर तक कानून के शिकंजे से बच नहीं पाए और बाहरी जिला की तीन पुलिस टीमों ने जल्दी ही सभी आरोपियों को दबोच लिया। आरोपियों में 4 नाबालिग हैं जिन्हें पुलिस ने इस मामले में हिरासत में लिया है, जबकि 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों की पहचान, आशु कुमार (18), सलीम (19) और सनी (19) के रूप में हुई है। ये सभी मंगोलपुरी इलाके के रहने वाले हैं। इनके कब्जे से पुलिस ने मृतक मंजय पासवान का आधार, पैन कार्ड और बैंक पासबुक भी बरामद किया है।
बाहरी जिला के डीसीपी जिमी चिरम ने आरोपियों की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए बताया कि 20 नवंबर की शाम 6:47 बजे पीसीआर कॉल से पश्चिम विहार वेस्ट थाने की पुलिस को पीरागढ़ी स्थित उद्योग विहार के पीछे रेलवे ट्रैक के पास एक शख्स को चाकू मारे जाने की सूचना मिली थी। घटना की जानकारी पर तुरंत ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची, लेकिन वहां कोई भी मौजूद नहीं था।
इसी दौरान पुलिस को मंगोलपुरी के संजय गांधी अस्पताल से मंजय पासवान नाम के एक शख्स को मृत अवस्था में लाए जाने की सूचना मिली, जिसके शरीर पर चाकू से कई वार किए गए थे। इसकी जानकारी पर पुलिस अस्पताल पहुंची जहां शिकायतकर्ता जितेंद्र कुमार ने पुलिस को बताया कि वो और मंजय एक ही ऑफिस में काम करते थे। अपना काम खत्म करने के बाद वे रेलवे ट्रैक के किनारे चलते हुए मंगोलपुरी स्टेशन ट्रेन को पकड़ने के लिए जा रहे थे।
जितेंद्र कुमार ने बताया कि तभी कुछ लड़कों के समूह ने लूट की नीयत से उन्हें घेर लिया। उनके विरोध करने पर उन्होंने चाकू निकाल लिया, जिस पर वे किसी तरह वहां से बच कर भाग निकले, जबकि मंजय को उन्होंने घेर लिया। थोड़ी देर बाद जब वे वहां गुजर रहे कुछ लोगों को साथ लेकर वापस मौके पर पहुंचे तो देखा कि आरोपी फरार हैं, और मंजय खून से लथपथ पड़े हुए थे। जिन्हें वे अस्पताल लेकर आए लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। शिकायतकर्ता पुलिस टीम को मौके पर भी लेकर गए, जहां पुलिस को रेलवे ट्रैक के किनारे खून के धब्बे मिले।
डीसीपी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए पश्चिम विहार वेस्ट थाने की पुलिस के अलावा एएटीएस और स्पेशल स्टाफ की टीम को भी घटना की जांच और जल्द से जल्द अपराधियों की पकड़ के लिए लगाया गया। इसके लिए एसीपी पश्चिम विहार हिमांशु मलिक के मार्गदर्शन में पश्चिम विहार वेस्ट थाने के एसएचओ गुलशन गुप्ता, स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर रजनीश कुमार और एएटीएस के इंस्पेक्टर रोहित कुमार के नेतृत्व में तीन टीमों का गठन किया गया था। पुलिस टीमें अलग-अलग पहलुओं से मामले की जांच कर आरोपियों के बारे में पता लगाने में जुटी हुई थी।
आसपास के कई सीसीटीवी फुटेजों को खंगाला गया, जिसमें एक फुटेज में 7 लड़के भागते नजर आए। जिसके बाद विभिन्न मार्गों के 200 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेजों और लोकल इंटेलिजेंस की सहायता से पुलिस आरोपियों की पहचान करने में कामयाब हुई और स्पेशल स्टाफ पुलिस ने 6 आरोपियों जबकि पश्चिम विहार वेस्ट थाने की पुलिस ने एक आरोपी को दबोच लिया। जिनमें से चार आरोपियों के नाबालिग होने का पता चला।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वारदात वाली शाम में वे सभी नशे में धुत थे और उन्हें और शराब चाहिए थी, जिसके लिए उन्होंने लूट की नीयत से मृतक और शिकायतकर्ता को घेरा था। लूट का विरोध करने पर उन्होंने दो चाकुओं से मृतक मंजय पर हमला कर दिया और फिर लूट के बाद वे मृतक के सामान को लेकर मौके से फरार हो गए। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि नाबालिगों के खिलाफ जुवेनईल एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। अब पुलिस आगे की छानबीन कर रही है।