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कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को हर माह 4000 रुपये देने की योजना बना रही मोदी सरकार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 14 2021 8:33PM | Updated Date: Sep 14 2021 8:33PM
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों के मासिक वजीफे को 2,000 से बढ़ाकर 4,000 रुपये करने की योजना बना रही है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि इस संबंध में एक प्रस्ताव अगले कुछ हफ्तों में मंजूरी के लिए कैबिनेट के पास भेजा जा सकता है। अधिकारी ने बताया कि मासिक वजीफे को दो हजार से चार हजार रुपये करने का प्रस्ताव महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने किया है। सरकार ने मई में एलान किया था कि कोरोना के चलते जिन बच्चों ने अपने माता-पिता और अभिभावक को खो दिया है, उन्हें 'पीएम-केयर्स फार चिल्ड्रेन' योजना के तहत मदद दी जाएगी। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत अब तक कुल 3,250 आवेदन मिले हैं, जिनमें से संबंधित जिलाधिकारियों द्वारा 667 आवेदनों को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके लिए 467 जिलों से आवेदन प्राप्त हुए हैं।
 
ज्ञात हो कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (डब्ल्यूसीडी) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध किया था कि वे जिलाधिकारियों को उन बच्चों की पहचान करने का निर्देश दें, जिन्होंने कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव इंदेवर पांडे ने कहा था कि आवेदन जमा करने, योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र बच्चों की पहचान के वास्ते एक वेब पोर्टल की शुरुआत की गई है।
 
उन्होंने कहा, 'मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि आप अपने राज्य के जिलाधिकारियों को पीएम केयर्स योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए पात्र बच्चों की पहचान करने और पात्र बच्चों के विवरण देने का निर्देश दें, ताकि उन्हें तत्काल सहायता मिल सके। मंत्रालय ने इसके लिए एक 'हेल्प डेस्क' की स्थापना की है। मंत्रालय के अधिकारी ने जिलाधिकारियों को पुलिस, जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू), चाइल्डलाइन (1098) और नागरिक समाज संगठनों की सहायता से इन बच्चों की पहचान के लिए एक अभियान चलाने के लिए कहा है।
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