नई दिल्ली। CM अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के महान पर्यावरणविद् स्व। सुंदरलाल बहुगुणा को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए। सुंदरलाल बहुगुणा ने उस वक्त पर एक संदेश दिया जब पर्यावरण को लेकर लोग चर्चा भी नहीं कर रहे थे। वे इतने बड़े visionary लीडर थे। सिर्फ 13 साल की उम्र में उन्होंने सामाजिक जीवन शुरू कर दिया और बचपन से ही दलितों के छुआछूत के खिलाफ संघर्ष शुरू किया। वे दलितों को मंदिरों में प्रवेश दिलाने के लिए आजीवन संघर्ष करते रहे और नशाबंदी के खिलाफ भी संघर्ष किया। CM केजरीवाल ने आगे कहा कि सुंदरलाल बहुगुणा ने आजादी की लड़ाई में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने अपनी होने वाली पत्नी के सामने शर्त रखी कि आजीवन ग्रामीण इलाके में और आश्रम में रहेंगी तभी शादी करूंगा। चिपको आंदोलन के बारे में सब जानते हैं, उनके पूरे जीवन से प्रेरणा मिलती है। ये पूरे देश में अकेली विधानसभा है, जहां उनके चित्र को रखा गया है।
उन्होंने आगे कहा कि दिल्ली विधानसभा आज ये प्रस्ताव पारित कर रही है, लेकिन ये चाहत पूरे देश की है। मैं तो समझता हूं कि भारत रत्न सम्मानित होंगे। मुझे खुशी है कि आज पक्ष विपक्ष मिलकर इस प्रस्ताव का समर्थन कर रहे हैं। प्रस्ताव में थोड़ा सा बदलाव कर रहा हूं। राकेश अस्थाना की नियुक्ति पर दिल्ली CM ने कहा कि मुझे लगता है कि राकेश अस्थाना की नियुक्ति SC के आदेश के खिलाफ है। जो आदेश SC ने पारित किया है उसके खिलाफ है। केंद्र सरकार का फर्ज बनता है कि SC के आदेशों को माना जाए और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के हिसाब से ही नियुक्ति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब उन्हें CBI डायरेक्टर बनाने की भी बात आई थी तो CBI डायरेक्टर बनाने वाली जो कमेटी है जिसमें PM लीडर आफ अपोजिशन और चीफ जस्टिस थे, तो अखबारों में जो खबर छपी है उसके मुताबिक वह उसके लिए योग्य नहीं थे, इसलिए उन्हें नहीं बनाया जा सका। वही कारण है कि वह इस पोस्ट के लिए भी योग्य नहीं हैं, इसलिए केंद्र सरकार को सभी कायदे कानून के हिसाब से नियुक्ति करनी चाहिए।