नई दिल्ली। केद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि सौहार्द, एकता हिन्दुस्तान की परंपरा तथा संस्कृति का हिस्सा है और इसे मजबूत रखना देश के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। नकवी ने अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि विवाद को लेकर उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर शनिवार को कहा कि अयोध्या का फैसला आ गया है और अब सभी को इसे तहे दिल से स्वीकार करना है और उसका सम्मान भी करना है। इसे किसी के हार और जीत के रूप में नहीं देखना चाहिए। यह एक न्यायिक फैसला है। इस न्यायिक फैसले को हार के हाहाकार और जीत के जूनुनी जश्न से बचाना है।
उन्होंने उम्मीद जतायी कि देश की सदियों पुरानी एकता और सौहार्द हमारी मजबूत विरासत है उसे सबको मिलकर मजबूत करना है तथा किसी भी हालत में कमजोर नहीं होने देना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ लोग तालिबानी मानसिकता की बीमारी से ग्रस्त हैं। ऐसे लोगों को न तो संविधान पर विश्वास है न न्यायपालिका पर। उन्हें अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि देश किसी को भी सौहार्द, एकता और भाईचारे के ताने बाने को नुकसान पहुंचाने की इजाजत नहीं देगा।