नई दिल्ली। रवि शास्त्री लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्च कोच रहे थे। उनके रहते टीम ने काफी सफलता हासिल की जिसमें ऑस्ट्रेलिया में लगातार दो टेस्ट सीरीज जीतना शामिल रहा। शास्त्री ने आईसीसी टी20 विश्व कप-2021 से पहले ही बता दिया था कि वह टीम इंडिया के मुख्य कोच के तौर पर अपना करार नहीं बढ़ाएंगे। उनके बाद राहुल द्रविड़ ने टीम इंडिया के नए मुख्य कोच का कार्यभार संभाला। अब शास्त्री ने टीम इंडिया के साथ बिताए गए अपने समय पर अपनी बात रखी है और कुछ खुलासे किए हैं। रवि शास्त्री ने अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में बताया है कि कुछ लोग नहीं चाहते थे कि वह कोच बने। बता दें कि मुख्य कोच के तौर पर कार्यकाल शुरू करने से पहले रवि शास्त्री टीम इंडिया के निदेशक भी थे। वह 2014 में इस पद पर आए थे। उन्हें फिर इस पद से हटा दिया गया था और अनिल कुंबले को टीम इंडिया का कोच बनाया गया था। कुंबले ने कप्तान विराट कोहली से विवाद के कारण अपना पद छोड़ दिया था और फिर शास्त्री की दोबारा वापसी हुई थी।
शास्त्री ने उस समय को भी याद किया है जब वह टीम निदेशक थे और फिर उन्हें हटा दिया गया था। शास्त्री ने 2014 से टीम इंडिया के साथ अपने समय को याद करते हुए कहा, “जब मैं पूरे सात साल का सफर देखता हूं तो ये टीम वो टीम थी जो 360 रनों के लक्ष्य का पीछा करती थी और 30-40 रन से पीछ रह जाती थी। 2021 में ये टीम 328 रन आसानी से चेज कर लेती है। मेरे लिए ये एक विरासत है। एडिलेड टेस्ट-2014 से हमने ये मैसेज टीम को भेजा कि हम इसी तरह की क्रिकेट खेलना चाहते हैं। वहीं धोनी से विराट के पास कप्तानी आई थी, इस ट्रांजिशन को भी होना था। फिर अचानक से मुझे झटका लगा। मुझे अचानक से बाहर जाने को कह दिया गया। मैंने बीज बोया था और फल उग रहे थे। और अचानक से मुझे पता चला कि मुझे बदला जाएगा। मुझे किसी ने कारण नहीं बताया।
शास्त्री ने कहा कि उन्हें इस बात का काफी दुख हुआ था। उन्होंने कहा, “हां मुझे दुख हुआ था, इसलिए क्योंकि मुझे जिस तरह से हटाया गया वो सही नहीं था। मुझे बाहर करने के कई और बेहतर तरीके हो सकते थे। इस बात को नौ महीने गुजर चुके थे और अपना काम (कॉमेंट्री) कर रहा था। मुझे नहीं पता था कि टीम में कुछ गलत है। मुझसे कहा गया की टीम में समस्या है। नौ महीनों में कैसे समस्या हो सकती है। मैं जिस टीम को छोड़कर गया था वो अच्छी स्थिति में थी। मेरे दूसरे कार्यकाल में मैं काफी विवादों के बाद आया था। जो लोग मुझे बाहर रखना चाहते थे ये उनके मुंह पर करार तमाचा था। उन्होंने किसी और को चुना और नौ महीने बाद वो उसी इंसान के पास लौटे जिसे उन्होंने बाहर किया था।
शास्त्री ने बताया की बीसीसीआई में कुछ लोग उन्हें मुख्य कोच और भरत अरुण को गेंदबाजी कोच नहीं बनने देना चाहते थे। उन्होंने कहा, “हां, वो मुझे भरत अरुण को गेंदबाजी कोच के रूप में भी नहीं देना चाहते थे। आप देखिए चीजें किस तरह से बदली हैं। जिसे वो गेंदबाजी कोच नहीं बनाना चाहते थे वो इस देश के बेहतरीन गेंदबाजी कोच साबित हुए। मैं किसी एक इंसान पर उंगली नहीं उठा रहा हूं। लेकिन मैं ये पक्के तौरे पर कह रहा हूं कि इस बात की पूरी कोशिश की गई थी कि मुझे नौकरी न मिले। ये जिंदगी है।”