नई दिल्ली। अमेजन, फ्लिपकार्ट, जोमैटो, स्विगी और अन्य विभिन्न ई-कॉमर्स कंपनियां उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) कानून 2020, लीगल मैट्रोलोजी कानून 2011 और फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी द्वारा जारी दिशा निर्देशों का जमकर और खुले आम उल्लंघन कर रही हैं। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे गए एक पत्र में कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स कैट) ने एफडीआई नीति 2016/2018 के प्रेस नोट नंबर 2 की जगह एक नए प्रेस नोट की आवश्यकता पर जोर दिया। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने गोयल को भेजे गए पत्र में कहा कि एफडीआई नीति 2016 के प्रेस नोट संख्या 2 के ई-कॉमर्स खंड में एफडीआई नियमों का अमेजॅन और फ्लिपकार्ट जैसी विदेशी कंपनियां खुलेआम माखौल उड़ा रही है, वे अपनी मोटी जेब का इस्तेमाल कर भारतीय रिटेल सेक्टर को पूरी तरह बर्बाद करने पर तुली है और वे तब तक नही रुकेगी जब तक भारत के 40 करोड़ नागरिकों को भुखमरी की कगार पर न पहुंचा दे। यह दिन दहाड़े की गई डकैती से कम नहीं है। न केवल ई-कॉमर्स व्यवसाय को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है बल्कि अपने गुप्त एजेंडों को लागू कर भारतीय रिटेल पर पूरी तरह हावी होने की कोशिश भी की जा रही है।
भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि देश के कानून का सम्मान करने के बजाए प्रेस नोट संख्या 2 के प्रत्येक नियमों को जानबूझकर ये विदेशी कंपनियां द्वारा ताक पर रखा जा रहा है। ये भारत को बनाना रिपब्लिक समझ रही है। ऐसी विकट स्थिति और विशेष रूप से वर्तमान में दूषित हुए ई-कॉमर्स व्यवसाय के मद्देनजर, ई-कॉमर्स में एफडीआई से संबंधित कानून, नियमों और विनियमों की पवित्रता की रक्षा करने की जिम्मेदारी सरकार पर है। इसलिए एक नया सशक्त प्रेस नोट की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। एक नए प्रेस नोट को जल्द जारी करने पर जोर देने के साथ साथ दोनों व्यापारी नेताओं ने कहा कि देश के कानून की रक्षा के लिए ये जरूरी है जिससे इन विदेशी कंपनियों को साफ सन्देश दिया सके कि ई कॉमर्स में एफडीआई बेहद आवश्यक और अनिवार्य है और इसके तहत जो भी प्रतिबंध लगाए गए हैं उनका उल्लंघन आसान नही होगा।