रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार के 17 जून को ढाई साल पूरे हो जाएंगे। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद चर्चा थी कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री तय किया गया है। अब ढाई साल पूरे होने को है। भाजपा एक बार फिर मुख्यमंत्री के पद का मुद्दा उठा रही है, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने साफ संकेत दे दिया है कि मुख्यमंत्री के पद में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री के करीबी नेताओं ने साफ किया कि कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भूपेश बघेल को हरी झंडी दे दी है।
पंजाब कांग्रेस के विवाद को देखते हुए कांग्रेस आलाकमान कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है। बताया जा रहा है कि केंद्रीय संगठन ने विधायकों से भी फीडबैक लिया है, जिसमें विधायकों ने सरकार के कामकाज पर संतुष्टि जताई है। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर पार्टी के विधायकों से सरकार के कामकाज को लेकर फीडबैक लिया गया। बताया जा रहा है कि बस्तर और सरगुजा के करीब 17 विधायकों को छोड़कर अधिकांश विधायकों ने सरकार के ढाई साल के काम को बेहतर बताया है।
यही नहीं रायपुर और बिलासपुर संभाग के कुछ विधायकों ने भले ही सरकार के कामकाज को लेकर असंतुष्टि व्यक्त की, लेकिन केंद्रीय नेताओं ने उनकी समस्याओं को न सिर्फ सुना, बल्कि उसे दूर करने का आश्वासन भी दिया। आंतरिक स्तर पर किए सर्वे की रिपोर्ट सौंप दी गई है। इस रिपोर्ट के बाद ही कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि प्रदेश में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। सरकार बनते समय ढाई-ढाई साल का कोई फार्मूला भी नहीं था।
छत्तीसगढ़ सरकार के प्रवक्ता रविंद्र चौबे ने कहा कि सरकार का कामकाज पूरी तरह बेहतर चल रहा है। जिन वादों के साथ सरकार बनी है, उसे पूरा किया जा रहा है। विपक्षी दलों की तरफ से भ्रम फैलाने के लिए ढाई-ढाई की बात कही जा रही है, जो पूरी तरह निराधार है। छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति 17 जून के बाद पंजाब जैसी होगी। पंजाब में महाराजा तो छत्तीसगढ़ में भी महाराजा। पार्टी नेता कितना भी बचाव कर लें, लेकिन समय पूरा होने के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।