नई दिल्ली। साइबर सिक्यॉरिटी वेबसाइट VPNPro की जानकारी के अनुसार स्मार्टफोन यूजर्स पर एक बार फिर से खतरनाक ऐप्स का खतरा मंडराने लगा है। इन ऐप्स के जरिए होने वाली यूजर्स की जासूसी के बारे में VPNPro ने चिंता जाहिर की है। बता दें कि सिक्यॉरिटी रिसर्चर्स ने ऐसे 24 ऐप्स की पहचान की है जिसके जरिए हैकर्स यूजर्स के स्मार्टफोन के कैमरे और माइक्रोफोन के अलावा दूसरे फंक्शन्स को भी ऐक्सेस करते हैं। चिंता की बात यह है कि इन ऐप्स को दुनियाभर में 38 करोड़ से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।
रिसर्चर्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ये मलीशस ऐप्स इंस्टॉल होते वक्त खतरनाक परमिशन मांगते हैं जिनसे यूजर्स की प्रिवेसी पर बड़ा खतरा बना रहता है। ये ऐप्स इन परमिशन के जरिए कॉल करने के साथ ही फोटो क्लिक कर सकते हैं। यह विडियो-ऑडियो रिकॉर्ड करने के अलावा दूसरे तरीके से भी यूजर के डेटा को नुकसान पहुंचा सकते हैं। एक्सपर्ट्स ने बताया कि हैकर इन ऐप्स के जुटाए गए डेटा को थर्ड पार्टी को बेचकर मोटी कमाई कर रहे थे।
रिसर्चर्स ने जिन ऐप्स की पहचान की है उनमें 6 कैमरा ऐक्सेस और दो सीधे ऐप्स से कॉल करने की परमिशन मांगते थे। वहीं, 15 ऐप्स ऐसे थे जो यूजर की लोकेशन जानने के लिए जीपीएस ऐक्सेस करने की परमिशन मांगते थे। रिसर्चर्स का कहना है कि यह यूजर्स की प्रिवेसी के लिए बड़ा खतरा है क्योंकि इनमें से ज्यादातर ऐप्स को काम करने के लिए इन परमिशन्स की जरूरत नहीं पड़ती। ये 24 ऐप्स काफी समय से गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद थे। हालांकि, अब गूगल ने इन्हें प्ले स्टोर से हटा दिया है। दूसरे खतरनाक ऐप्स में 50 लाख डाउनलोड के साथ हाई-सिक्यॉरिटी 2019, 5 करोड़ डाउनलोड के साथ फाइल मैनेजर, 10 करोड़ डाउनलोड के साथ साउंड रिकॉर्डर और 1 करोड़ डाउनलोड के साथ वेदर फोरकास्ट मौजूद थे। इन सभी ऐप्स के बारे में कहा जा रहा है कि ये ऐप्स के कलेक्ट किए गए डेटा को चीन में मौजूद सर्वर पर भेजते थे।