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रक्षा मंत्री का बड़ा ऐलान - 101 उपकरणों के आयात पर रोक, अब देश में ही बनेंगे...

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 9 2020 12:05PM | Updated Date: Aug 9 2020 5:21PM
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नई दिल्‍ली। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने घोषणा की है कि रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर भारत पहल में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार हो रहा है। रक्षा उत्पादन के मामले में स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने और सेना की आत्मनिर्भरता बढ़ाने के मकसद से रक्षा मंत्रालय 101 से ज्यादा वस्तुओं पर एम्बार्गो यानी आयात पर प्रतिबंध लगाएगा।
 
रक्षा मंत्री ने बताया कि इन वस्तुओं की सूची रक्षा मंत्रालय ने सभी संबंधित पक्षों से कई दफा परामर्श करने के बाद तैयार किया है। इसमें आर्म्ड फोर्सेज, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग भी शामिल है ताकि वर्तमान और भविष्य में युद्ध उपकरणों को तैयार करने की क्षमता का आकलन किया जा सके। अपने सिलसिलेवार ट्वीट में राजनाथ सिंह ने कहा कि इस लिस्ट में न केवल कुछ पार्ट्स शामिल हैं बल्कि उच्च प्रौद्योगिकी वाले हथियार मसलन असॉल्ट राइफलें, सोनार सिस्टम, ट्रांसपोर्ट एयरक्रॉफ्ट, LCH, रडार और कई अन्य चीजें शामिल हैं। 
 
चर्चा के बाद जो 101 वस्तुओं की सूची तैयार की गई है जिसमें सिर्फ आम चीज़ें ही शामिल नहीं है बल्कि कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार भी हैं जैसे आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफल्स, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, LCHs रडार और दूसरी चीजें हैं जो देश की रक्षा सेवा की जरूरतों को पूरा करती है। उन्होंने अगले 6-7 साल के लिए रक्षा मंत्री ने घरेलू रक्षा उद्योग को चार लाख करोड़ के कंट्रैक्ट देने की बात कही है। इसके अलावा उन्होंने मौजूदा वित्त वर्ष 2020-21 में घरेलू रक्षा उद्योग के लिए 52 हज़ार करोड़ के अलग बजट की घोषणा की है। 
 
उन्होंने कहा कि इन वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध तुरंत लगाने की बजाय धीरे-धीरे 2020 से 2024 के बीच लागू करने की योजना है। उन्होंने आगे बताया कि इनमें से लगभग 1,30,000 करोड़ रुपये की वस्तुएं सेना और वायु सेना के लिए होगी तो वहीं नौसेना के लिए 1,40,000 करोड़ रुपये की वस्तुएं तैयार की जाएगी।
 
उन्होंने कहा कि यह निश्चित करने के लिए सभी कदम उठाए जाएँगे कि निगेटिव इंपोर्ट लिस्ट के अनुसार सभी उपकरणों का उत्पादन समय सीमा के अंदर पूरी की जाए। इसके लिए रक्षा सेवाओं और उद्योग के बीच एक समन्वय तंत्र विकसित किया जाएगा। उन्होंने आगे भी सभी संबंधित पक्षों से परामर्श कर ऐसे अन्य वस्तुओं को चिह्नित कर उनके आयात पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है।
 
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