नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने टाटा-सायरस मिस्त्री विवाद में सभी सम्बद्ध पक्षों को चार सप्ताह के भीतर अपनी-अपनी दलीलें पूरी करने का शु्क्रवार को निर्देश दिया। न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने यह निर्देश सायरस इंस्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की उस याचिका की सुनवाई के दौरान दिया, जिसमें सायरस मिस्त्री ने टाटा सन्स लिमिटेड में निदेशक पद पर बहाल किये जाने का अनुरोध किया है। सायरस इंवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता आर्यम सुन्दरम ने दलील दी कि उन्हें निदेशक पद से हटाकर आर्टिकल ऑफ एसोएशिन के आर्टिकल 121 का दुरुपयोग किया गया है।
साथ ही इस संबंध में राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) का आदेश त्रुटिपूर्ण भी है। खंडपीठ ने कहा कि चूंकि टाटा सन्स की एक अपील शीर्ष अदालत के समक्ष लंबित है, इसलिए इस मामले को उसके साथ सम्बद्ध करने की आवश्यकता है। टाटा सन्स की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने न्यायालय से अनुरोध किया कि दोनों पक्षों की अपीलों का निपटारा तेजी से किया जाना चाहिए। न्यायालय ने हालांकि सभी पक्षों को अपनी-अपनी दलीलें चार सप्ताह के भीतर पूरी करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसके बाद वह दोनों पक्षों की अपीलों पर विचार करेगा।