भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज अपने निवास पर महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर उन्हें माल्यार्पण कर नमन किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ज्योतिराव गोंविंदराव फुले एक महान समाजसेवक थे। उन्होंने अछूतोद्धार, नारी शिक्षा, विधवा विवाह और किसानों के हित में उल्लेखनीय कार्य किए। वे एक महान भारतीय विचारक, लेखक, दार्शनिक और क्रांतिकारी समाजसेवक थे। हम आज उनकी जयंती पर उन्हें सादर शत्-शत् नमन करते हैं। उन्होंने कहा कि समाज में स्त्रियों की दशा सुधारने और उनकी शिक्षा के लिए ज्योतिबा फुले ने कन्याओं के लिए 1854 में एक विद्यालय खोला। उस समय लड़कियों को पढ़ाने के लिए अध्यापिका नहीं मिली तो, स्वयं और अपनी पत्नी सावित्री को इस कार्य में लगा दिया।
एक के बाद एक उन्होंने बालिकाओें के लिए तीन विद्यालय खोले। उच्च वर्ग के लोगों के विरोध के बावजूद उन्होंने अपने मकान में प्रौढ़ों के लिए एक रात्रि पाठशाला भी खोली। उनके विद्यालयों में जाति, धर्म और पंथ के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाता था। ज्योतिबा विधवा विवाह के समर्थक थे तथा शोषित महिलाओं की देखभाल के लिए उनके घर के दरवाजे हमेशा खुले थे। उन्होंने दलितों और निर्बल वर्ग को न्याय दिलाने के लिए सत्यशोधक समाज की स्थापना की। उन्होंने ब्राह्मण पुरोहित के बिना ही विवाह संस्कार प्रारंभ कराया तथा उसे मुम्बई हाईकोर्ट से मान्यता भी मिली। वे बाल विवाह के विरोधी थे। ज्योतिबा फुले जी की पुस्तक ‘‘गुलामगिरि’’ कई दलित आंदोलनों के लिए मार्गदर्शिका बनी।