भोपाल। मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन जिले में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने के कारण कम से कम 11 नागरिकों की मौत से जुड़े मामले की जांच गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा से कराने का निर्णय लिया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज इस मामले में उज्जैन जिला प्रशासन से भी सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए कहा था। इसके बाद उज्जैन के खाराकुआ थाना प्रभारी एम एल मीणा समेत चार पुलिस कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है।
सूत्रों कहा कि इस मामले की जांच में डॉ राजेश राजौरा की मदद पुलिस मुख्यालय भोपाल में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एस के झा और रतलाम रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक सुशांत सक्सेना करेंगे। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने आज सुबह यहां उज्जैन की घटना को लेकर उच्च स्तरीय बैठक ली, जिसमें उन्होंने घटना की जाँच करने और संबंधित थाने में पदस्थ पुलिस कर्मचारियों को निलंबित करने के निर्देश दिये थे।
उज्जैन के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने भी मौके पर पहुंचकर घटना के संबंध में जानकारी हासिल की। पुलिस अधीक्षक ने प्रथम दृष्टया पाया कि थाना क्षेत्र में जिंजर नामक पेय पदार्थ (कच्ची शराब) की बिक्री हुयी है और संभवत: उसी का सेवन करने से लगभग 11 व्यक्तियों की मृत्यु होने जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुयी और थाना प्रभारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। इसी वजह से थाना प्रभारी और अन्य पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है। उज्जैन में शुरूआत में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने के कारण आठ लोगों की मौत होने की सूचना आयी थी। बाद में मृतकों की संख्या बढ़कर 11 हो गयी।