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सरकार विमुक्त जनजाति वर्ग के विकास के लिए संकल्पित-पटेल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 1 2020 12:35AM | Updated Date: Sep 1 2020 12:35AM
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भोपाल। मध्यप्रदेश के विमुक्त, घुम्मकड़ एवं अर्द्धघुम्मकड़ जनजाति कल्याण राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल ने कहा है कि राज्य सरकार इन वर्गों के लोगों के विकास के लिये संकल्पित है। पटेल आज पहले विमुक्त जनजाति दिवस के मौके पर वीडियो कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इन वर्गों की समस्याओं के निराकरण के लिये जल्द ही संभाग स्तर पर बैठकों का सिलसिला शुरू किया जाएगा। इन बैठकों में कमिश्नर और कलेक्टर भी मौजूद रहेंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर 4 जुलाई 2013 को मुख्यमंत्री निवास पर हुई विमुक्त, घुम्मकड़ और अर्द्धघुम्मकड़ पंचायत में लिये गये फैसले का अमल किया जा रहा है।
 
उन्होंने इन वर्गों के जनप्रतिनिधियों से योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये सक्रिय सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि देशभर में जहां भी बड़े तालाब, झील, सरोवर और जलाशय बनें है, उन्हें बंजारा समाज के बड़े व्यापारियों और समाज सेवियों ने तैयार किये है। संभागीय मुख्यालय सागर शहर के बीच 300 हेक्टेयर क्षेत्र में लाखाबंजार झील समाज के गौरवमयी इतिहास को प्रदर्शित करती है। प्रदेश में बंजारा समूह द्वारा बनाये गये तालाबों को जीर्णोधार राज्य सरकार द्वारा कराया जाएगा।
 
विमुक्त जाति के गौरवमयी इतिहास की चर्चा करते हुए राज्य मंत्री पटेल ने कहा कि वर्ष 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में इस जाति के अनेक वीर योद्धाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इन जनजातियों का स्थायी ठिकाना न होने से अंग्रेजो ने वर्ष 1871 में इन्हें आपराधिक जनजाति घोषित कर दिया था। देश की स्वतंत्रता के 5 वर्ष बाद 31 अगस्त 1952 को पहली बार इन जनजातियों को अपराधी होने की सरकारी मोहर से विमुक्त किया था। इन तमाम जनजातियों के लोग आज का दिन 31 अगस्त को विमुक्त दिवस के रूप में मनाते हैं।
 
पटेल को देवास के जिला संयोजक चंदन सिंह, रतलाम के ईश्वर, शाजापुर के मांगीलाल, राजगढ़ के खींची और टीकमगढ़ के चंद्रभान योगी ने बताया कि इन वर्गों के लोगों को जाति प्रमाण-पत्र बनवाने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि विमुक्त घुमक्कड़, अर्द्धघुम्मकड़ जनजाति की समस्याओं के निराकरण के लिये संभाग स्तर पर जल्द ही बैठकों का सिलसिला शुरू किया जायेगा। जाति प्रमाण-पत्र की समस्या के निराकरण के लिये शिविर लगाये जायेंगे।
 
उन्होंने कहा कि इन वर्गों के जरूतरमंदों को स्वरोजगार के लिये 10 हजार रूपये तक के ब्याजमुक्त ऋण दिये जायेंगे। 10 हजार की राशि चुकाये जाने पर 20 हजार रूपये, इसके बाद 40 हजार रूपये और एक लाख रूपये तक की राशि ब्याजमुक्त उपलब्ध कराई जाएगी।सचिव विमुक्त घुम्मकड़ एवं अर्द्धघुम्मकड़ एम.के. अग्रवाल ने बताया कि इन वर्गों के विद्यार्थी जो पोस्टमेट्रिक की पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें अध्ययन करने के लिये संभागीय स्तर पर 2000 रूपये, जिला मुख्यालय पर 1500 और अन्य स्थानों पर 1000 रूपये प्रतिमाह छात्रगृह का लाभ दिया जा रहा है।
उन्होंने जानकारी दी कि प्रदेशभर में 140 विमुक्त जाति छात्रावास आश्रम का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश की विमुक्त जाति बस्ती में अधोसंरचना के कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन वर्गों की जिलेवार, जातिवार अधिकृत जनसंख्या न होने पर एनआईसी के समन्वय से बेस लाईन सर्वे कराया जा रहा है। इन मौके पर विभागीय अधिकारी भी मौजूद थे। नाग
 
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