भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में श्रम कानूनों में व्यापक संशोधन एवं उनका सरलीकरण किया गया है तथा उद्योगों को विथिन्न प्रकार की सहूलियतें दी जा रही हैं। इसके चलते प्रदेश में उद्योग स्थापित करना और चलाना बहुत आसान हो गया है। अब हमें प्रदेश में उद्योग आमंत्रित करने में देरी नहीं करनी चाहिए, यह स्वर्णिम अवसर है। चौहान आज मंत्रालय में प्रदेश में औद्योगिक भूमि तथा नीति परिदृश्य पर बैठक में चर्चा कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी औद्योगिक संगठनों, औद्योगिक घरानों आदि से बातचीत की जाए तथा यहाँ अधिक से अधिक उद्योग स्थापित करवाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भूमि पूंिलग नीति के चलते पर्याप्त भूमि उद्योगों के लिये उपलब्ध है। प्रदेश के प्रमुख नगरों भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर तथा रीवा में 2 हजार 902 हेक्टेयर विकसित भूमि तथा 10 हजार 673 हेक्टेयर अविकसित भूमि उद्योगों के लिये उपलब्ध है।
भूमि का मूल्य भी बहुत कम रखा गया है। उन्होंने कहा कि हमने इस प्रकार की उद्योग नीति बनाई है जिससे हमारे प्रदेश के बच्चे भी यहाँ उद्योग स्थापित कर सकें। लघु, मध्यम एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिये सरकार विभिन्न प्रकार की सहूलियतें दे रही हैं तथा अत्यंत कम ब्याज दर पर उद्योगों की स्थापना के लिये ऋण उपलब्ध करा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फूड इंडस्ट्री एवं गारमेंट इंडस्ट्री के लिये शासन द्वारा अन्य राज्यों की तुलना में अधिक सुविधाएं एवं सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।
अत: इन दोनों क्षेत्रों में उद्योग स्थापना की अधिक संभावना है। फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में चावल, विभिन्न प्रकार की दालें व तेल आदि से संबंधित उद्योग स्थापित किये जा सकते हैं। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस प्रकार की योजना बनाई गई है जिसके अंतर्गत उद्योगों को बिजली प्रदान करने के लिये पृथक विद्युत कम्पनी की स्थापना पर विचार किया जा रहा है। ऐसा होने पर हम उद्योगों को 7.50 रूपये प्रति यूनिट के स्थान पर 4 रूपये प्रति यूनिट बिजली दे पायेंगे। चौहान ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आज रोजगार के बड़े अवसर है। भोपाल में आईटी पार्क स्थापित करने के संबंध में भी योजना बनाई जाये।
बताया गया कि बी.एच.ई.एल. की 600 एकड़ भूमि मध्यप्रदेश शासन को मिल रही है। उन्होंने कहा कि उद्योगों की स्थापना के संबंध में हम अपनी कमियों पर भी ध्यान दें तथा देखें कि उन्हें किस प्रकार दूर किया जा सकता है। प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी बहुत अच्छी नहीं है तथा यह 'लैण्ड लॉक्ड' प्रदेश है। हमें हमारी एयर कनेक्टिविटी बेहतर करनी होगी। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव उद्योग डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव एमएसएमई मनु श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी, सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एम.सेलवेन्द्रन आदि उपस्थित थे।