नई दिल्ली। वाहनों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर एयरबैग की संख्या बढ़ाने को लेकर लंबे समय से चर्चा हो रही थी। पिछली रिपोर्टों के मुताबिक आगामी अक्टूबर महीने से देश में बेची जाने वाली सभी कारों में 6-एयरबैग (Airbags) को अनिवार्य किए जाने की ख़बर थी। लेकिन आज केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि, इस साल की शुरुआत में नए क्रैश टेस्ट नियम लागू होने के बाद से सरकार भारत में यात्री कारों के लिए छह-एयरबैग सुरक्षा नियम को अनिवार्य नहीं बनाएगी।
ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ACMA) के वार्षिक बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार "कारों के लिए 6 एयरबैग (6 Airbags) नियम को अनिवार्य नहीं बनाएगी"। उन्होनें कहा कि, देश में बहुत सी वाहन निर्माता कंपनियां हैं जो पहले से ही 6 एयरबैग दे रही हैं और वो कंपनियां अपने उन कारों का विज्ञापन भी कर रही हैं। ऐसे में 6-एयरबैग अनिवार्य (6 Airbag Mandatory) किए जाने की जरूरत नहीं है।
नितिन गडकरी ने कहा कि, देश का ऑटो सेक्टर तेजी से ग्रोथ कर रहा है। भारत ने हाल ही में जापान को पीछे कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटो बाजार बन चुका है। ऐसे में वाहनों में नई तकनीक को लेकर कंपटीशन भी बढ़ रहा है। वाहन मालिक भी नए तकनीक और फीचर्स को तरजीह दे रहे हैं, ऐसे में कुछ कंपनियां पहले से ही 6 एयरबैग को वाहनों में शामिल कर चुकी हैं। इस स्थिति में जो ब्रांड्स प्रतिस्पर्धा में बने रहना चाहते हैं वो भी अपने वाहनों में 6 एयरबैग देंगे। लेकिन हम इसे अनिवार्य नहीं करेंगे।
बता दें कि, पिछले साल नितिन गडकरी ने कहा था कि, अक्टूबर-2023 से देश में इस नए नियम को लागू किया जाएगा। उन्होनें मीडिया को दिए अपने बयान में कहा था कि, देश में सबसे ज्यादा छोटी कारों की खरीदारी मध्यम वर्गीय परिवारों द्वारा की जाती है और लो-बजट कारों की डिमांड सबसे ज्यादा है। लेकिन उन्होनें चिंता व्यक्त की थी कि, वाहन निर्माता कंपनियां केवल उंची कीमत वाली प्रीमियम कारों में ही 6 या 8 एयरबैग की सुविधा क्यों देती हैं।