मेष
मेष राशि एवं मेष लग्न के जातकों को गुरू का गोचर भाग्य में रहेगा बीते वर्ष से जो धन का अपव्यय शुरू हुआ था उसको विराम लगेगा , और गुरू का यह गोचर आपके भाग्योदय में निश्चित ही सहायक होगा। गुरु आपके कुंडली में भाग्य और व्यय भाव का स्वामी होकर भाग्य भाव स्थित होकर आपके अंदर प्रचुर उत्साह और विश्वास का संचार बनाये रखेगा। आप अपने व्यवसाय को नए मुकाम पर लेकर जा सकते है आपको इसके लिए उचित अवसर तथा लोगो का साथ भी मिलेगा। लघु तथा लम्बी यात्रा करनी पड़ सकती है और इससे लाभ भी मिलेगा। आप भविष्य के लिए नई व्यवस्था बनाने में सफल होंगे। भाग्य के असहयोग से जो आपको गतवर्ष हानि हुई है उसमें सुधार आने लगेगा। मान-सम्मान में बढोत्तरी हागी है। मन शांत रहेगा, हिम्मत बढेगी, लोकप्रियता भी बढेगी। विदेश जाने के लिए सोच रहे है तो यह अनुकूल समय है प्रयास करे सफलता मिलेगी। घर परिवार का माहौल फिर से आपके अनुकूल बनेगा। आप धर्म से जुड़ सकते है। शासकीय कार्यों में प्रगती आयेगी। रूके काम पूरे होंगे , राजकीय सम्मान मिलेगा।
सिंह
सिंह राशि एवं सिंह लग्न वालो के लिए इस समय गुरु का गोचर पंचम भाव में होगा अतः जातक को पंचम भाव से सम्बंधित फल की प्राप्ति होगी। अगर आप प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में है तो सफलता के प्रबल योग बनेंगे । भाग्य प्रबल रहेगा , लाभ के प्रचुर अवसर उपलब्ध रहेंगे , बडे भाईयों से सहयोग मिलेगा, संतान को सफलता मिलेगी , संतान की इच्छा रखने वालो की इच्छा पूर्ती होगी , सम्मान बडेगा , पदौन्नती के अवसर की प्राप्ति होगी , स्वयं का कोई काम शुरू करने की योजना है तो वह फलीभूत होगी । नई गाड़ी का भी योग है। घर-परिवार में सौहार्द पूर्ण वातावरण बना रहेगा। आपके सामाजिक तथा पारिवारिक मान-सम्मान में वृद्धि होगी। बड़े अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। यदि आप नौकरी की तलाश में है तो निश्चय ही नौकरी मिलेगी। यदि नौकरी में परिवर्तन चाहते है तो इसके लिए भी अनुकूल समय है। इस समय आपके द्वारा सोचे गए सभी कार्य पूरे होने की प्रबल सम्भावना है। आपको साझेदारी में कोई व्यवसाय करने का अवसर मिलेगा। कार्यक्षेत्र में वृद्धि होगी तथा मेहनत का पूर्ण फल मिलेगा। धार्मिक कार्यो में रूचि बढ़ेगी। प्रोपर्टी में पैसा लगा सकते है। स्वास्थ्य ठीक ही रहेगा परन्तु ध्यान देने की आवश्यकता है।
तुला
तुला राशि एवं तुला लग्न वालों को गोचर में वृहस्पति आपके सहोदर भाव में रहेगा तथा वहाँ से सप्तम दृष्टि से भाग्य भाव को देख रहा है अतः यात्रा के योग प्रबल रहेंगे , धार्मिक यात्रा के योग प्रबल रहेंगे । पार्टनरशिप में बड़ी परिपक्वता राशि मिल सकती है। अचानक नौकरी भी मिल सकती है। लाभ के अवसर प्रचुर मात्रा में मिलेंगे वृहस्पति तुतीयेश एवं षष्ठेश होकर गोचर में तृतीय भाव में है घर परिवार में कोई नए लोगों के घर जाने की योजना बनेगी । परिवार में वृद्धि हो सकती है। शुभ कार्यो में व्यय होगा। कई बार कार्यो में रुकावट भी आएगी परन्तु अंततः सफलता मिलेगी। बीमारी से बचे। ऋण लेने का योग है अतः आपको ऋण लेना पड़ सकता है। संतान चाहने वाले व्यक्ति को संतान सुख मिलेगा तथा प्यार करने वाले को प्यार का सुख मिलेगा संतान के ऊपर खर्च करने का अवसर मिलेगा। प्रेम का नया दौर शुरू हो सकता है। बडे भाई का स्वास्थ्य खराब हो सकता है इससे उनके कार्यक्षेत्र पर भी असर पर सकता है।
वृश्चिक
वृश्चिक राशि एवं वृश्चिक लग्न वालो के लिए बृहस्पति द्वितीयेश तथा पंचमेश होकर द्वितीय में स्थित है यह स्थिति आपके लिए अनुकूल है बंधू बांधव का सुख मिलेगा। यदि आप विवाह के इच्छुक है तो विवाह के बंधन में बंध सकते हैं। प्रेम और विवाह दोनों संभव है। घर परिवार में सुख शांति का माहौल रहेगा परिवार में कोई शुभ कार्य होने के प्रबल योग बन रहा है। आय में वृद्धि होगी परन्तु कभी-कभी रूकावट भी आएगी उससे घबराये नहीं। कार्य स्थल पर उच्च अधिकारियों का सहयोग मिलेगा। नौकरी में पदोन्नति भी मिलने की सम्भावना है। अपने स्वभाव में सकारात्मक एवं तार्किक सोच विकसित करें। वाणी प्रभावशाली रहेगी, कुटुम्ब में किसी आयोजन का हिस्सा बनेंगे लोकप्रियता बढने से अर्थिक लाभ भी बडेगा तो जन संपर्क बढेंगे एवं उनका लाभ भी मिलेगा । धार्मिक यात्रा होगी। न्यायालयीन प्रकरणों में विजय मिलेगी ।