यदि आपने पहले कभी इसका अनुभव न किया हो तो आपको इससे डर भी लग सकता है। पलकों का फड़कना, मांस-पशियों का एक अनैच्छिक संकुचन है, जिसका मुख्य कारण तनाव होता है परंतु ये अन्य कारणों से भी हो सकता है जैसे आँखों पर पड़ता जोर, थकान, सूखी आँखें, उत्तेजक पदार्थों का अत्यधिक सेवन, डीहाइड्रेशन, अत्यधिक शराब पीना आदि। कारण कोई भी हो लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है।
किस आंख का फड़कना है शुभ और किसका अशुभ- अंग ज्योतिष के अनुसार हमारे शरीर का हर अंग के फड़कने का कोई न कोई अर्थ होता है। यहां तक ही आगे होने वाली घटनाओं के बारें में भी वह सूचना दे देते है। इसी तरह हमारी आंख के फड़ने का भी अशुभ और शुभ अर्थ होता है। जानिए कौन सी आंख के फड़कने का अर्थ शुभ है और किसका नहीं।
दाएं आंख का फड़कना- सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार दाएं आंख का फड़कना पुरुषों के लिए शुभ माना जाता है जबकि बाएं आंख का फड़कना महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है।
बाएं आंख फड़कना- वहीं अगर स्त्रियों की बाएं आंख की पलक और भौंवें फड़के तो उनके लिए यह शुभ माना जाता है लेकिन पुरुषों के लिए स्थिति बिल्कुल उल्टा हो जाती है। पुरुषों की किसी पुराने दुश्मन से लड़ाई हो सकती है या किसी से दुश्मनी बढ़ सकती है।
दाएं आंख की पलक और भौंहों का फड़कना- यदि पुरुषों की दाएं आंख की ऊपरी पलक और भौंवें फड़कती हैं तो माना जाता है कि उनके मन की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती है और पदोन्नति व धन लाभ होता है परंतु अगर महिलाओं की दाएं आंख की ऊपरी पलक और भौवें फड़के तो उनके लिए ये अशुभ मानी जाती है और उनके सारे काम बिगड़ाने वाली होती हैं।