दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस मनाने की परंपरा है। यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस दिन देवी महालक्ष्मी और कुबेर का पूजन होता है। वहीं धनतेरस की शाम परिवार की सुख समृद्धि के लिए यम नाम का दीपक भी जलया जाता है। इस साल धनतेरस 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस व्रत में हाथी और मां लक्ष्मी के गजलक्ष्मी रुप की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखकर विधि विधान से मां महालक्ष्मी का पूजन करने से मां लक्ष्मी विशेष प्रसन्न होती हैं और जीवन में धन-समृद्धि आती है।
दिवाली का पर्व हिंदू धर्म में बहुत ही खास माना जाता हैं इस पर्व को सुख समृद्धि और शांति का पर्व माना जाता हैं। वही दिवाली पर महालक्ष्मी पूजन सही तरीके से करने पर धन में वृद्धि होती हैं मगर आपको यह जानकर हैरानी होगी। कि दिवाली में एक व्रत ऐसा भी होता हैं जिसको रखने पर आप महालक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं।
बता दें कि रमा एकादशी पर महालक्ष्मी के साथ भगवान श्री हरि विष्णु का पूजन करने से धन की वर्षा और शुभ लाभ की मनुष्य को प्राप्ति होती हैं इस व्रत के साथ श्री हरि विष्णु जी की पूजा और धन की देवी महालक्ष्मी पूजन करना इसलिए भी जरूरी माना जाता हैं क्योंकि भगवान श्री विष्णु की पत्नी महालक्ष्मी जी का नाम रमा भी हैं और यह एकादशी उनके नाम पर ही होती हैं ऐसा भी कहा जाता हैं कि भगवान विष्णु को लक्ष्मी जी का यह नाम बहुत प्रिय हैं।
बता दें कि इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद भगवान श्री हरि विष्णु और देवी महालक्ष्मी की फल, फूल, धूप,अगरबत्ती से पूजा कर उन्हें भोग लगाएं। व पूजा के दौरान तुलसी जरूर चढ़ानी चाहिए। उसके बाद यह व्रत रखा जा सकता हैं
इस व्रत में व्रत कथा भी पढ़ी जाती हैं और इसके अलावा इस दिन घर पर सुदंरकांड, भजन व गीता का पाठ करने से भी पापों का नाश होता हैं ऐसा कहा जाता हैं कि भगवान श्री विष्णु और महालक्ष्मी की एक साथ पूजा करने से भगवान अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं और उन्हें सुख समृद्धि का वरदान देते हैं।