गलवान को शायद ही कोई भारतीय भूला होगा। अब उसने ऐसा ही व्यवहार अपने एक दूसरे पड़ोसी फिलीपींस के साथ किया है। दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस की दो नौका पर चीनी सैनिक चढ़ गए और छूरे और चाकू से हमला कर दिया। फिलीपींस के अधिकारियों के अनुसार, को आठ से अधिक मोटरबोट पर सवार चीनी तटरक्षक कर्मियों ने फिलीपींस की नौसेना की दो नौकाओं को बार-बार टक्कर मारी और उन पर चढ़ गए। चीनी तटरक्षक कर्मियों ने द्वितीय थॉमस शोल में तैनात फिलीपींस नौसेना कर्मियों को क्षेत्रीय चौकी पर खाद्य और हथियारों सहित अन्य सामानों की आपूर्ति करने से रोक दिया। इस चौकी पर भी चीन अपना दावा करता रहा है।
फिलीपींस के सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि टकराव के बाद, चीनी कर्मियों ने नौकाओं को जब्त कर लिया और उन्हें हथियारों से क्षतिग्रस्त कर दिया। उन्होंने हमारे उपकरणों, आठ एम4 राइफलें भी जब्त कर लीं और नौसेना के कई कर्मियों को घायल कर दिया। यह घटना 17 जून को हुई थी।
फिलीपींस सशस्त्र बलों के प्रमुख जनरल रोमियो ब्रॉनर जूनियर ने पश्चिमी पलावन प्रांत में संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हम मांग करते हैं कि चीन हमारी राइफलें और हमारे उपकरण लौटा दे। हम यह भी मांग करते हैं कि उन्होंने जो नुकसान पहुंचाया है, उसकी भरपाई की जाए।'उन्होंने इस हमले की तुलना दक्षिण चीन सागर में समुद्री लूट की घटना से की।
चीन ने इस टकराव के लिए फिलीपींस को दोषी ठहराते हुए कहा कि फिलीपींस के कर्मियों ने उसकी चेतावनियों की अवहेलना करते हुए समुद्र में उसके जल क्षेत्र का ‘‘अतिक्रमण' किया। ऐसे ही चीन ने भारत के साथ भी किया था। हमले के बाद उसने भारत पर आरोप लगा दिए थे। वह लगातार भारत की सीमा में अतिक्रमण की कोशिश करता रहता है। अमेरिका ने कहा है कि दक्षिण चीन सागर में कहीं भी फिलीपींस के सार्वजनिक जहाजों, विमानों, सशस्त्र बलों और तटरक्षकों के खिलाफ "सशस्त्र हमला" दोनों देशों के बीच एक पारस्परिक रक्षा संधि को नुकसान पहुंचाएगा।