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मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जु ने संसद में भारत को दिया अल्टीमेटम, कही ये बात

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 5 2024 1:20PM | Updated Date: Feb 5 2024 1:20PM
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नई दिल्ली। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को संसद की बैठक में दिए अपने पहले राष्ट्रपति भाषण में भारत का नाम लिए बगैर कई बातें कही हैं। 'इंडिया आउट' के नारे पर सत्ता में आए मुइज्जू ने अपने संबोधन में कहा है कि उनकी सरकार देश की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि अगर देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता को किसी तरह का खतरा होता है तो वह दृढ़ रहेंगे और किसी भी परिस्थिति में किसी भी 'बाहरी दबाव' के आगे नहीं झुकेंगे।

संसद को अपने पहले संबोधन में मुइज्जू ने मालदीव में भारतीय सैनिकों की मौजूदगी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका मानना है कि मालदीव के बहुसंख्यक लोग उनकी सरकार का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को उम्मीद है कि उनकी सरकार विदेशी सैनिकों की मौजूदगी को खत्म कर देगी।

मुइज्जू ने भारत के साथ हाल ही में खत्म किए गए हाइड्रोग्राफिक समझौते की तरफ इशारा करते हुए कहा कि मालदीव के लोगों की उनकी सरकार से ऐसी आशा भी है कि वो अपने खोए हुए समुद्री क्षेत्र को हासिल कर लेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि किसी देश से कोई ऐसा समझौता न हो जो मालदीव की संप्रभुता का उल्लंघन करता हो। हाइड्रोग्राफिक समझौता साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मालदीव दौरे में हुआ था। इस समझौते के तहत भारत मालदीव के समुद्री इलाके में हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करता था जिसके लिए कई भारतीय जहाजों की तैनाती की गई थी।

हाइड्रोग्राफिक सर्वे से जो डेटा निकलता है उससे यह जानने में मदद मिलती है कि कोई देश अपनी सीमा पर किस तरह के हथियारों की तैनाती कर रहा है। डेटा का इस्तेमाल सुरक्षित नेविगेशन, समुद्र के पर्यावरण पर नजर बनाने, समुद्री वैज्ञानिक शोध के लिए भी किया जाता है। मालदीव के चीन समर्थक राष्ट्रपति मुइज्जू ने सत्ता में आते ही भारत के साथ यह समझौता रद्द कर दिया।

मुइज्जू ने अपने भाषण में बताया कि भारत से हुई हालिया बातचीत में तय हुआ है कि भारतीय सैनिक जल्द ही वापस चले जाएंगे। उन्होंने कहा, 'एक राष्ट्रपति देशों के साथ जो राजनयिक वार्ता कर सकता है, वो मैंने जारी रखा है। हमने आधिकारिक रूप से आग्रह किया है कि भारत मालदीव में मौजूद अपने सैनिकों को वापस बुला ले। सैनिकों की वापसी को लेकर बातचीत जारी है। हाल ही में बातचीत हुई है जिसमें यह तय हुआ है कि तीन हवाई प्लेटफॉर्म पर मौजूद भारतीय सैनिक 10 मार्च 2024 तक मालदीव से वापस चले जाएंगे। बाकी के सैनिक 10 मई 2024 तक वापस जाएंगे।'

राष्ट्रपति मुइज्जू भारतीय सैनिकों की वापसी के वादे पर सत्ता में आए और सत्ता में आते ही उन्होंने अपना वादा निभाने की ठान ली। 17 नवंबर 2023 को सत्ता संभालने वाले मुइज्जू भारत से कई बार अपने सैनिकों को वापस लाने की गुहार कर चुके हैं। मालदीव की सरकार का कहना है कि फिलहाल उनके देश में 88 भारतीय सैनिक मौजूद हैं। दरअसल, भारत ने मालदीव की मदद के लिए डार्नियर 228 मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट और दो HAL ध्रुव हेलिकॉप्टर भेजे थे जिसके संचालन के लिए भारतीय सैनिकों को मालदीव भेजा गया था।

अपने संबोधन में मुइज्जू ने मालदीव के इस्लामिक देश होने पर गर्व करते हुए दिसंबर 1932 में मालदीव में स्थापित पहली संसद में सुल्तान मोहम्मद शम्सुद्दीन के भाषण का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का रवैया भी वही है जो सुल्तान शम्सुद्दीन का था कि इस्लाम राष्ट्र को दिया गया एक आशीर्वाद है।

मुइज्जू ने कहा, 'क्या यह हमारे लिए वरदान नहीं है कि हम इस्लामिक देश बने रहें? यह बात निश्चित है कि इस्लाम के अलावा कोई दूसरा धर्म नहीं है जो समानता और न्याय की गारंटी देता है। हमें इसके लिए कोई सबूत दिखाने की जरूरत नहीं है। क्या यह हमें मिला आशीर्वाद नहीं है कि हम अपनी शक्ति के तहत स्वतंत्र बने रहें? वर्तमान समय में भी, कई बड़े देश ऐसे हैं जहां लोग अपने अधिकारों के लिए जान दे रहे हैं।'

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