काठमांडू। नेपाल में शुक्रवार देर रात आए 6.4 तीव्रता के भीषण भूकंप के बाद कम से कम 132 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। रुकुम पश्चिम के डीएसपी नामराज भट्टाराई ने पुष्टि की है कि अब तक एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार 40 लोगों की मौत दर्ज की गई है। वहीं जजरकोट के डीएसपी संतोष रोक्का ने बताया कि भूकंप में 92 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। गौरतलब है कि जाजरकोट और रुकुम पश्चिम नेपाल में के सर्वाधिक भूकंप प्रभावित क्षेत्र हैं। मरने वालों की संख्या और बढ़ने की आशंका है। बता दें प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का कार्य जारी है। और मलबे से निकाले जा रहे घायल लोगों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है।
पीएम मोदी ने नेपाल में आई इस आपदा को लेकर दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि नेपाल में भूकंप के कारण हुई जनहानि और क्षति से अत्यंत दुखी हूं। भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
वहीं, नेपाल के प्रधान मंत्री पुष्प कमल दहल ने भूकंप से हुई क्षति को लेकर दुख जताया है। नेपाल पीएमओ ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शुक्रवार रात 11:47 बजे जजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है और घायलों के तत्काल राहत और बचाव के लिए 3 सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है।"
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 दर्ज की गई और भूकंप का केंद्र नेपाल में 10 किमी की गहराई पर था। भूकंप के झटके दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत उत्तर भारत के कई जिलों में भी महसूस किए गए।एनसीआर के नोएडा में भूकंप के झटके आने से लोग घबरा गए और घरों से बाहर आ गए। भूकंप के झटके बिहार में भी महसूस किए गए। भूकंप के बाद बिहार की राजधानी पटना में लोग घरों से निकलकर बाहर आ गए। पटना में एक व्यक्ति ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि अचानक उसका बेड और सीलिंग फैन हिलने लगे। यह समझ में आते ही कि भूकंप आया है वह तुरंत घर से बाहर आ गया।