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गाजा में इजरायल का एयर स्ट्राइक,195 शरणार्थियों की मौत, यूएन ने कहा- ये है युद्ध अपराध

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 2 2023 5:07PM | Updated Date: Nov 2 2023 5:07PM
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गाजा। गाजा पट्टी में हमास की ओर से चल रहे शरणार्थी शिविर पर इजरायल के हमले में कम से कम 195 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि इजरायल के ताजा हमलों में कई नागरिकों की मौके पर मौत हो गई। बताया जा रहा है कि गाजा के हालात को देखते हुए कई  विदेशी लोग इसे छोड़ने को तैयार हो गए। इस सूची में 500 लोग हैं। इनमें से करीब 320 विदेशी नागरिक है। दर्जनों गंभीर रूप से घायल गाजावासी, इजरायल, मिस्र और हमास के बीच एक समझौते के तहत बुधवार को मिस्र में निकल गए। विदेशी नागरिकों में ऑस्ट्रेलिया,ऑस्ट्रिया, बुल्गारिया, चेक गणराज्य, फिनलैंड, इंडोनेशिया, इटली, जापान, जॉर्डन, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका के पासपोर्ट धारक थे। 

गाजा सीमा पर मौजूद अफसरों का कहना है ​कि सीमा को पार करने के लिए गुरुवार को इसे दोबारा से खोल दिया जाएगा। इस तरह से विदेशी बाहर निकल सकेंगे। राजनयिक सूत्रों का कहना है कि करीब 7,500 विदेशी पासपोर्ट धारक करीब दो सप्ताह में गाजा छोड़ने वाले हैं। 

आपको बता दें कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में हमास के हमले के बाद से पलटवार तेज हो गया है। इजरायल ने हमास के खात्मे के लिए भीषण बमबारी की है। इजरायल ने इस बीच आतंकियों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई की। जमीन, समुद्र ओर हवा से गाजा पर बमबारी हुई है। इजरायल की ओर से आए एक बयान में कहा गया है कि हमास ने करीब 1,400 इजरायलियों को मार डाला है। इनमें से ज्यादातर आम नागरिक ही थे। उसने करीब 200 से ज्यादा को बंधक बनाया। 

दूसरी ओर गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आए बयान में कहा गया है कि सात अक्टूबर से अब तक इजरायली हमलों में 3,648 बच्चों समेत तटीय क्षेत्र में करीब 8,796 फिलिस्तीनी मारा गया है। फिलिस्तीनी की ओर से आए बयान में कहा गया है कि गाजा शहर में अल-कुद्स अस्पताल के नजदीक गुरुवार की सुबह विस्फोटों की आवाज आई। इस अस्पताल को खाली करा लिया गया है। इसमें कई मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। 

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार अफसरों के अनुसार, शिविर पर हमला युद्ध अपराध की तरह है। यूएन  उच्चायुक्त ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि जबलिया शरणार्थी शिविर पर इजरायली हवाई हमलों के बाद बड़ी संख्या में आम नागरिक मारे गए हैं। उन्होंने कहा, हमें गंभीर चिंता है कि ये असंगत हमले हैं। ये युद्ध अपराध की श्रेणी में आ सकते हैं।’

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