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इजराइल-हमास युद्ध एर्दोगन के लिए इधर कुआं, उधर खाई जैसा हाल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 23 2023 8:24PM | Updated Date: Oct 23 2023 8:24PM
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7 अक्टूबर को हमास द्वारा इजराइल के खिलाफ शुरू किए गए युद्ध के बाद तुर्की अपने रुख को लेकर पूरी तरह से संशय में है. एक तरफ वह हमास के नेता इस्माइल हानिया से बात करता है तो दूसरी तरफ उसके अपने देश में होने को लेकर सफाई देता है. जो खबर सामने आ रही है, उसके अनुसार एर्दोगन इजराइल के साथ नए सिरे से टकराव से बचने की कोशिश कर रहा है. तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन इजराइल सहित क्षेत्रीय शक्तियों के साथ सामान्यीकरण का प्रयास कर रहे हैं. वर्षों के द्विपक्षीय विवाद के बाद एर्दोगन ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात की और उन्हें अंकारा आने के लिए आमंत्रित किया. एर्दोगन सरकार के हमास के साथ घनिष्ठ संबंधों ने अब उसे नाटो गठबंधन में अकेला कर दिया है और हमास के साथ संबंध तोड़ने के लिए अंकारा पर अमेरिकी दबाव भी बढ़ता जा रहा है. इजराइल के खिलाफ अपने तीखे हमलों के विपरीत एर्दोगन ने इस बार अपनी भाषा पर संयम रखा है क्योंकि उसको डर है कि अगर वह इस मामले में इजराइल के खिलाफ कुछ भी कहेंगे तो उनको कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा और तुर्की को खतरे में डाल सकता है. गाजा में बढ़ती मौतों को लेकर उन्होंने भले ही इजराइल के खिलाफ अपने सुर थोड़े सख्त कर लिए हों, लेकिन उन्होंने उस समर्थन को रोक दिया है.
 
अंकारा में एक फिलिस्तीनी सूत्र ने बताया, ‘हमास सहित फिलिस्तीनी समूह तुर्की के रुख से असंतुष्ट है. इसके बयानों को अपर्याप्त माना जा रहा है. उन्होंने (विरोध के लिए) विदेश मंत्रालय में इजराइली राजदूत को भी नहीं बुलाया.’ इसके अलावा हमास के राजनीतिक ब्यूरो के प्रमुख इस्माइल हनियेह को सोशल मीडिया पर फुटेज प्रसारित होने के बाद देश से वापस भेज दिया गया. दरअसल, वह उस समय इस्तांबुल में थे, जब हमास ने इजराइली शहरों में धावा बोला था. इसके अलावा सात अक्टूबर को हनियेह और हमास के अन्य सदस्यों को “प्रार्थना” करते हुए दिखाया गया था. अंकारा ने हनियेह और उसके दल को तुर्की छोड़ने के लिए कहा क्योंकि वह समूह द्वारा इजराइली नागरिकों की हत्या के बाद भी हमास की रक्षा करने के लिए तैयार नहीं था. एर्दोगन के आदेश पर तुर्की खुफिया और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने हमास के साथ संपर्क किया है, लेकिन कथित तौर पर मध्यस्थता प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई. हालांकि संघर्ष के प्रारंभिक चरण में हमास कतर और मिस्र के प्रस्तावों के लिए भी तैयार नहीं है.
 
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