नई दिल्ली। मंगलवार देर रात गाजा के अल अहली अस्पताल पर हुए हमले को लेकर अरब और मुस्लिम बहुल देशों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सऊदी अरब, यूएई, तुर्की और पाकिस्तान समेत अन्य कई इस्लामिक देशों ने अस्पताल पर हमले की कड़ी निंदा की है। इससे पहले इजरायल और फिलिस्तीन की लड़ाई को लेकर यूएई का रुख काफी बदला हुआ नजर आ रहा था। यहां तक कि इस जंग के लिए भी यूएई ने हमास को दोषी ठहराया था।
हमास और इजरायल में जारी युद्ध के बीच मंगलवार देर रात गाजा पट्टी में हुए बम ब्लास्ट में लगभग 500 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है। फिलिस्तीन ने आरोप लगाया है कि अस्पताल इजरायली सेना की एयरस्ट्राइक की चपेट में आया है। जबकि इजरायल ने इन आरोपों को नकारते हुए दावा किया है कि फिलिस्तीन के इस्लामिक जिहादी द्वारा दागे गए एक रॉकेट के मिसफायर होने की वजह से यह हादसा हुआ है।
यूएई विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है, "यूएई, गाजा में अल-अहली बैपटिस्ट अस्पताल पर इजरायली हमले की निंदा करता है और इस संघर्ष को तुरंत रोकने का आह्वान करता है। इस हमले में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई है जबकि कई अन्य घायल भी हैं। यूएई जानमाल के नुकसान पर गहरा अफसोस व्यक्त करता है और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता है।"
इस्लामिक देश यूएई मध्य-पूर्व का पहला ऐसा बड़ा देश है जिसने अमेरिकी कोशिशों के बाद इजरायल के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किया है। साल 2020 में यूएई ने इजरायल के साथ अब्राहम समझौते पर हस्ताक्षर किया था। 7 अक्टूबर को इजरायल और फिलिस्तीन में छिड़ी जंग को लेकर यूएई ने अपने बयान में कहा था कि ताजा तनाव के लिए हमास जिम्मेदार है।
पाकिस्तान के केयरटेकर प्रधानमंत्री अनवारुल हक काकड़ ने एक्स पर लिखा है, "गाजा में अल अहली अस्पताल पर हुए इजरायली हमले की मैं कड़ी निंदा करता हूं। इस हमले में भारी संख्या में निर्दोष नागरिकों की मौत हुई है।अस्पताल जो जरूरतमंत लोगों के लिए एक छत की तरह है, उसको निशाना बनाना अमानवीयता का अक्षम्य अपराध है।
अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून भी अस्पतालों और चिकित्सा कर्मियों को सुरक्षा प्रदान करता है। हम इस टारगेटेड हमले को बंद करने की मांग करते हैं। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस हिंसा को रोकने और इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग करते हैं।"
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने एक्स पर लिखा है, "एक अस्पताल को निशाना बनाना जहां महिलाएं, बच्चे और निर्दोष नागरिक थे। यह इजरायल के मौलिक मानवीय अधिकारों को ताक पर रखते हुए हमले का ताजा उदाहरण है। इजरायल की इस क्रूरता को रोकने के लिए मैं पूरी दुनिया से इजरायल पर कार्रवाई करने की मांग करता हूं।"
सऊदी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है, "सऊदी अरब, गाजा में अल अहली अस्पताल पर इजरायली सेना द्वारा किए गए जघन्य अपराध की कड़े शब्दों में निंदा करता है। इस हमले के कारण सैकड़ों नागरिकों की मौत हो गई है। सऊदी अरब इस क्रूर हमले को सिरे से खारिज करता है। यह अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून समेत सभी मानदंडों का घोर उल्लंघन है।"
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने एक्स पर लिखा है, "गाजा के अस्पताल में इलाज करा रहे निर्दोष फिलिस्तीनियों पर गिराए गए अमेरिकी-इजरायली बमों की लपटें जल्द ही यहूदियों को भी अपनी चपेट में ले लेंगी। इस तरह के युद्ध अपराध को लेकर कोई भी इंसान चुप नहीं रह सकता है। एक इस्लामिक देश के रूप में ईरान शोक मना रहा है।
सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल-असद ने एक्स पर लिखा है, " सीरिया इस नरसंहार के लिए पश्चिमी देशों खासकर अमेरिका को इसका जिम्मेदार मानता है। क्योंकि ये सभी फिलिस्तीनियों को मारने के लिए चलाए गए संगठित अभियानों में यहूदियों के भागीदार हैं। सीरिया का मानना है कि यहूदी आपराधिक ताकतों ने गाजा पट्टी के अस्पताल में जो किया वह आधुनिक युग में मानवता के खिलाफ जघन्य और सबसे खूनी नरसंहारों में से एक है।"
हमास और इजरायल में जारी युद्ध के बीच मंगलवार देर रात गाजा पट्टी के अल-अहली अरब अस्पताल में हुए ब्लास्ट में 500 लोगों की मौत हो गई है। फिलिस्तीन ने दावा किया है कि यह अस्पताल इजरायली एयरस्ट्राइक की चपेट में आया है। जबकि इजरायल ने इन आरोपों को नकार दिया है। इजरायल ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि फिलिस्तीन के इस्लामिक जिहाद द्वारा दागे गए एक रॉकेट के मिस फायर होने की वजह से यह हादसा हुआ है।