अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का एक अंतरिक्ष कैप्सूल सात साल की यात्रा के बाद रविवार को वापस पृथ्वी पर लौट आया। ओसिरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान अपने साथ उस उल्कापिंड की मिट्टी के सैंपल लेकर आया है जिसके 159 साल बाद यानी 24 सितंबर 2182 को पृथ्वी से टकराने की संभावना है। इस यान ने रविवार रात करीब साढ़े आठ बजे अमेरिका के उटाह में मौजूद ग्रेट सॉल्ट लेक के रेगिस्तान में लैंड किया। बेनू नाम के उल्कापिंड की मिट्टी के सैंपल लेकर लौटा ओसिरिस-रेक्स यान 643 करोड़ किमी की यात्रा कर वापस पृथ्वी पर आया है।
ऐसा माना जा रहा है कि अगर ये छुद्रग्रह पृथ्वी से टकराया तो इससे 22 परमाणु बमों के विस्फोट के बराबर तबाही मचेगी। इससे बचने के लिए ही नासा ने अपने ओसिरिस-रेक्स मिशन को लॉन्च किया था, जिससे उसकी मिट्टी के सैंपल से यह पता लगाया जा सके कि वह कितना मजबूत है। उसे अंतरिक्ष में मिसाइल से नष्ट किया जा सकता है या उसकी दिशा को बदला जा सकता है। बता दें कि ये अमेरिका का पहला मिशन है, जो किसी उल्कापिंड का सैंपल लेकर धरती पर वापस लौटा है।
इसने तीन साप पहले भी छुद्रग्रह से सैंपल भेजा था। उसके बाद से ही ये धरती की ओर वापस लौट रहा था। 45 किलोग्राम के इस कैप्सूल में करीब 250 ग्राम सैंपल होने की उम्मीद है। हालांकि, जबतक कंटेनर को खोला नहीं जाता तब तक इसके पारे में पुष्टि नहीं की जा सकती। जब ये वायुमंडल में घुसा तो उसने लावा से दोगुना ज्यादा गर्म तापमान को सहन किया। बता दें कि इससे पहले जापाना क्षुद्रग्रह के नमूने वापस लाने में कामयाब हुआ था। जो दो क्षुद्रग्रह मिशन से केवल एक चम्मच मलबा ही ला सका।
क्षुद्रग्रह से लाए गए इन नमूनों से वैज्ञानिक ये जानने की कोशिश करेंगे कि 4।5 अरब साल पहले हमारे सौर मंडल और धरती पर जीवन की उत्पत्ति के बारे में जानने में मदद मिलेगी। नासा ने ओसिरिस-रेक्स अंतरिक्ष यान को साल 2016 में लॉन्च किया था और इसने बेनू नाम के इस क्षुद्रग्रह के नजदीक पहुंचकर 2020 में नमूने एकत्र किए थे। अब इन नमूनों को सोमवार को ह्यूस्टन स्थित नासा के जॉनसन अंतरिक्ष केंद्र में ले जाया जाएगा।