बैंकॉक। थाईलैंड की सुप्रीम कोर्ट ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनावात्रा को आठ साल की जेल की सजा सुनाई। थाकसिन शिनावात्रा विदेश में वर्षों के आत्म-निर्वासन के बाद मंगलवार (22 अगस्त) को स्वदेश लौटे हैं। थाकसिन अपने परिवार के साथ एक निजी जेट से पहुंचने के बाद मंगलवार सुबह अपने समर्थकों और मीडिया का अभिवादन करने के लिए बैंकॉक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर थोड़ी देर के लिए सार्वजनिक रूप से सामने आए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने थाकसिन को सत्ता के दुरुपयोग और दुर्भावना के तीन अलग-अलग मामले में दोषी पाया है। इसके अलावा उन्हें अवैध रूप से एक सरकारी बैंक को विदेशी लोन जारी करने का आदेश देना और अपने द्वारा नामांकित किए गए लोगों के जरिए अवैध रूप से 'शेयर' रखना शामिल है। थाकसिन को मंगलवार को स्वदेश लौटते ही सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट ले जाया गया था। थाकसिन शिनावात्रा को साल 2008 में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते सैन्य तख्तापलट हो गया था जिसके बाद उन्हें थाईलैंड के प्रधानमंत्री के तौर पर अपदस्थ कर दिया गया था। इसके बाद से ही वो देश से बाहर रह रहे थे।
थाकसिन कई दशकों से थाईलैंड के सबसे प्रमुख राजनेता रहे हैं और देश से वर्षों से दूर रहने के बावजूद उन्होंने अपना बड़ा प्रभाव बरकरार रखा है। चुलालोंगकोर्न विश्वविद्यालय के राजनीतिक वैज्ञानिक थितिनान पोंगसुधिरकके मुताबिक, "यह फैसला थाईलैंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय को बंद कर देगा। वह पिछले दो दशकों से थाईलैंड में एक प्रमुख शक्ति रहे हैं।" थाईलैंड में रहने वाली ग्रामीण जनता में थाकसिन का बड़ा प्रभाव है। देश की ग्रामीण जनता मानती है कि थाकसिन बैंकॉक की चमकदार रोशनी से परे रहने वाले नेता हैं और वो गावों में रहने वाले लोगों का ध्यान रखते हैं।