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नासा ने शनि के चंद्रमा की पहली ‘ग्लोबल जियालॉजिक मैपिंग’ पूरी की

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Nov 20 2019 12:11AM | Updated Date: Nov 20 2019 12:12AM
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लॉस एंजिल्स। अमेरिकी अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने शनि ग्रह के  सबसे बड़े चंद्रमा ‘टाइटन’ की पहली ‘ग्लोबल जियॉलाजिकल’ मैपिंग’ पूरी कर ली है। नासा की जेट प्रोप्लसन जेट लेबोरेटरी (जेपीएल) ने यहां यह जानकारी दी है। लेबोरेटरी के मुताबिक इस नक्शे में रेत के टीले, झीलें, मैदानी क्षेत्रों के अलावा ज्वालामुखी के क्रेटर और अन्य दुर्गम स्थान शामिल है। हमारे सौर परिवार में पृथ्वी के अलावा टाइटिन ही एक ऐसा खगोलीय  वस्तु है जिसकी सतह पर तरल पदार्थ है लेकिन यहां पर बादलों से पानी नहीं बरसता है और पृथ्वी पर समुद्रों तथा नदियों को बरसात के मौसम मे जो पानी मिलता है, उसके स्थान पर टाइटन में मीथेन तथा ईथेन की बारिश होती है और ये टाइटन के अति ठंडे माहौल में तरल पदार्थ की तरह प्रतीत होते हैं।
 
जेपीएल ने कहा  कि टाइटन पर मीथेन आधारित सक्रिय जल चक्र है जिसने उसके भौगोलिक परिद्वश्य को काफी जटिल बना दिया  है। इस शोध को खगोलीय भूगर्भविज्ञानी  रोसाले लोपेस ने अंजाम दिया है और इसके लिए उन्होंने नक्शों को विकासित किया है। उनका कहना है कि  पृथ्वी और टाइटन के बीच तापमान और चुबंकीय क्षेत्रों के अलावा काफी विभिन्नताएं हैं लेकिन दोनों की सतह में काफी समानताएं हैं और इसी आधार पर कहा जा सकता है कि इनका उद्भव समान भूगर्भ संबंधी प्रकियाओं से हुआ है।
 
यह शोध हाल हाल ही में नेचर जर्नल एस्ट्रोनोमी में प्रकाशित हुआ है और लोपेस ने इसके लिए नासा के कैसिनी मिशन से आंकड़े जुटाए हैं। यह मिशन 2004 से 2017 तक सक्रिय था और और उन्होंने टाइटन के अपारदर्शी वातावरण का पता लगाने के लिए कैसिनी के राडार संबंधी आंकड़ों का इस्तेमाल किया है। इसके अलावा कैसिनी के विजीबल और इंफ्रारेड उपकरणों की मदद भी ली गई है।  
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