नई दिल्ली। महात्मा बुद्ध की मूर्ति को घर में रखने के कई धार्मिक और आध्यात्मिक फायदे होते हैं। यह मूर्ति आपके घर में शांति, समृद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा का आधार बन सकती है। इसके अलावा, वास्तु के अनुसार भी सही तरीके से मूर्ति को स्थान करने से घर की ऊर्जा में सुधार हो सकता है। घर का क्या सामान कहां रखना चाहिए उसके लिए कौन सी दिशा अच्छी है ये सब वास्तुशास्त्र में बताया गया है। अगर आप अपने घर में महात्मा बुद्धा की मुर्ति रखने के बारे में सोच रहे हैं या आपके घर में उनकी मुर्ति है तो आप ये जान लें कि उसे किस दिशा में रखने से आपको किस तरह का लाभ मिलेगा।
आध्यात्मिक शक्ति: महात्मा बुद्ध की मूर्ति घर में रखने से, आप आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव कर सकते हैं। उनके संदेश शांति, करुणा, सम्पूर्णता और अनुशासन की प्रेरणा देते हैं। इसके अलावा वास्तु के अनुसार पश्चिम की ओर मुंह करके दायीं ओर झुके हुए बुद्ध की मुर्ति अगर आप घर में रखते हैं तो इससे शांति और सकारात्मक ऊर्जा आती है। घर के मेन गेट में भगवान बुद्ध की मूर्ति रखने पर किसी भी तरह का दोष घर में नहीं आता है।
शांति और ध्यान: मूर्ति के दर्शन से घर की वातावरण में शांति और सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। बुद्ध के मूर्ति के सामने ध्यान करने से मन को शांत करने में मदद मिलती है और मेंटल पीस भी बढ़ती है। सद्भावना और करुणा: भगवान बुद्ध ने करुणा और सद्भावना का प्रतीक बना हुआ हैं। उनकी मूर्ति को देखने से हमारे मन में भी सद्भावना और करुणा की भावना उत्पन्न होती है।
वास्तु के अनुसार महात्मा बुद्ध की मूर्ति रखने का सही तरीका
मूर्ति को विराजमान करने के लिए पूर्व दिशा उचित होती है। विराजमान करने से पूर्व दिशा के द्वार खुलते हैं और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
बुद्ध की मूर्ति को पूजा के लिए अलग रखने की कोशिश करें। यदि आप पूजा स्थल नहीं बना सकते, तो उन्हें ध्यान के लिए एक शांत स्थान पर रख सकते हैं।
मूर्ति को साफ़ करें और नियमित रूप से देखभाल करें। एक साफ टेबल या शेल्फ पर बुद्ध की मुर्ति रखने से मन में शांति बनी रहती है
उन्हें वास्तु के नियमों के अनुसार सुझाए गए रंगों के साथ सजाएं। वास्तु शास्त्र में सफ़ेद, पीला, या भूरे रंग को शुभ रंग माना जाता है।
बुद्ध मुर्ति को कभी भी जमीन पर ना रखें इसे हमेशा जमीन से तीन-चार फीट ऊपर ही रखना चाहिए। अगर आप फर्श पर बुद्धा रखते हैं तो इससे ना सिर्फ आपके घर में नेगेटिव पावर एक्टिव होती है बल्कि वास्तु दोष भी बनता है और आपके लिए ये बेहद अशुभ हो सकता है।
रध्यान रखें कि बुद्ध की मूर्ति को शुद्ध मन और श्रद्धालु भाव से पूजन करना चाहिए। इससे आप उनके संदेशों को समझने और अपने जीवन में उन्हें अमल करने के लिए प्रेरित होते हैं। बुद्धा की रक्षा मुद्रा का अर्थ है, जहां एक हाथ में आशीर्वाद देना है और दूसरा आसपास की रक्षा करना है। तो आप अपने घर में अगर इनकी स्थापना कर रहे हैं तो इस बातों का खास ख्याल रखें।