नई दिल्ली। बिहार में एनडीए में सीटों के बंटवारों के बाद चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। चिराग पासवान अपने पिता राम विलास पासवान की परंपरागत सीट हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे। बुधवार को चिराग पासवान ने इसकी घोषणा की है। चिराग पासवान की पार्टी LJP (रामविलास) पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बता दें कि इस सीट पर 2019 में उनके चाचा पशुपति पारस ने चुनाव लड़ा था। आखिरी बार रामविलास पासवान ने 2014 में यहां से लोकसभा चुनाव लड़ा। इसके बाद वो राज्यसभा चले गए। 2019 में पशुपति पारस यहां से सांसद बने। इससे पहले चिराग पासवान जमुई लोकसभा सीट से चुनाव जीते थे। वहीं, चाचा पशुपति पारस को बड़ा झटका लगा है। एनडीए ने पारस गुट को एक भी सीट नहीं दी है। इससे पशुपति पारस नाराज चल रहे हैं। चर्चा है कि पारस अब इंडिया ब्लॉक में शामिल हो सकते हैं।
चिराग पासवान के पिता दिवंगत रामविलास पासवान हाजीपुर सीट से 9 बार सांसद रहे। 1977 के चुनाव में रामविलास पासवान ने कांग्रेस उम्मीदवार को भारी मतों से चुनाव हराकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया था। रामविलास पासवान ने कांग्रेस उम्मीदवार को सवा 4 लाख वोटों के अंतर से हरा दिया था। लोकतांत्रिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था जब किसी नेता ने इतनी बड़ी जीत हासिल की थी।
बिहार में एनडीए सीट बंटवारों के बाद चिराग पासवान के खाते में लोकसभा की 5 सीटें आई हैं। इसमें हाजीपुर, वैशाली, समस्तीपुर, खगड़िया और जमुई शामिल हैं। हालांकि, फिलहाल इन पांचों सीटों से पशुपति पारस की पार्टी के नेता सांसद हैं। दरअसल, रामविलास पासवान के निधन के बाद लोजपा दो फाड़ में बंट गई थी। इसमें एक गुट के मुखिया पशुपति पारस हैं और दूसरे गुट के प्रमुख चिराग पासवान हैं। चिराग पासवान फिलहाल खुद जमुई से सांसद हैं। वहीं, हाजीपुर सीट से पशुपति पारस, खगड़िया से महबूब अली कैसर, वैशाली से वीना देवी और समस्तीपुर से प्रिंस राज राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के सांसद हैं, लेकिन इस बार पशुपति पारस को एक भी सीट नहीं मिली है। पांचों सीट चिराग पासवान की पार्टी को मिली है। चिराग पासवान ने हाजीपुर सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। अब चार सीटों पर चिराग अपने उम्मीदवार उतारेंगे।