भिलाई। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आम जीवन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान हटाने के लिए भावनात्मक मुद्दों पर गुमराह करने की मोदी सरकार की राजनीतिक साजिश से सावधान रहने की मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोगो को उनकी जवाबदेही का एहसास कराना जरूरी है। गांधी ने आज यहां महिला समृद्धि सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि पहले की राजनीति और आज की राजनीति में बहुत फर्क आ गय़ा है।जनता को भावनात्मक रूप से भ्रमित करने का प्रयास हो रहा है जिससे कि महंगाई,बेरोजगारी जैसी बुनियादी समस्याओं को लेकर परेशान होने के बावजूद उन्हे वह नजरदांज करें।रोजगार विकास की बाते उसकी सोच में नही आए।यह बहुत बड़ी राजनीतिक साजिश है।
उन्होने प्रधानमंत्री रहते अपने पिता स्वं राजीव गांधी के साथ अमेठी की एक घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि..जब वह एक गांव में लोगो से मिलने गाड़ी से उतरे तो वहां एक महिला वहां उन्हे डांटते हुए पहुंच गई और पूछा कि उसकी सड़क पानी में डूब गई लेकिन उसका निर्माण नही हुआ..।पिता ने महिला की बाते विनम्रता से सुनी और कहा कि ठीक करेंगे।मुझे बुरा लगा मैंने उनके गाड़ी में बैठने पर पूछा कि उन्हे बुरा नही लगा तो पिता ने कहा कि कतई नही,इसने मेरी जिम्मेदारी का एहसास कराया।आज की राजनीति में जिम्मेदारी और जवाबदेही गायब हो गई है।
हाल ही में सम्पन्न जी-20 सम्मेलन का उल्लेख करते हुए श्रीमती गांधी ने कहा कि देश का मान सम्मान बढ़ना ही चाहिए,लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अगर 20 हजार करोड़ इन आयोजनों को लेकर खर्च करते है,आठ-आठ हजार करोड़ के विमान में चलते है तो इसका जवाब उन्हे देना चाहिए कि आपके घर में रोजगार क्यों नही है। किसान 27 रूपए रोज कमा रहा है औऱ उनके उद्योगपति मित्र 1600 करोड़ रूपए कैसे रोज कमा रहे हैं।उन्होने कहा कि जिस गरीब और मध्यवर्गीय लोगो ने उन्हे सत्ता दी उन्हे भुला दिया गया है।
उन्होने मोदी सरकार पर सार्वजनिक उपक्रमों,बंदरगाह,एयरपोर्ट सभी अपने उद्योगपति मित्रों को बेचने का आरोप लगाते हुए कहा कि आपकी सम्पत्ति सौंप कर आपके बच्चों को नौकरियों से वंचित किया जा रहा है।उन्होने कहा कि केन्द्र की नीतियों से महंगाई चरम पर है,लेकिन कांग्रेस की सरकारें अपने स्तर से थोड़ी राहत देने की कोशिश में जुटी है।उन्होने कहा कि केन्द्र सरकार आपकी जेब से पैसा छीन रही है जबकि छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार आपकी जेब में लगातार पैसे डाल रही है।