नई दिल्ली। पाकिस्तान के कप्तान सरफराज अहमद भारत के हाथों हार के बाद चारों ओर कड़ी आलोचना हो रही है। हालांकि पाकिस्तानी टीम मैनेजमेंट और टीम दोनों ही इस बात को ध्यान में रखकर क्रिकेट खेल रहे थे कि मैच में बारिश होने की पूरी उम्मीद है। इतिहास गवाह है डकवर्थ-लूइस के नियम का हमेशा पहले बॉलिंग करने वाली टीम को ही मिला है।
दरअसल मैनचेस्टर के इस मैदान में मैच के ठीक एक दिन पहले दोपहर में भारी बारिश हुई थी, बल्कि मैच से ठीक पहले भी यहां बूंदा-बादी जारी थी। इसलिए पाकिस्तानी खेमे का पूरा जोर इस बात पर था कि अगर बारिश के चलते मैच में व्यवधान पड़ता है तो किस तरह से भारत के हाथ से मैच निकाला जाए। ऐसे में पाकिस्तान के सबसे सफल रणनीति यही थी कि पहले गेंदबाजी की जाए, क्योंकि पाकिस्तान को हमेशा से अपने बल्लेबाजों से ज्यादा गेंदबाजों पर भरोसा रहा है।
ऐसे में पाकिस्तानी कप्तान के दिमाग में यह रणनीति चल रही थी कि अगर पाकिस्तानी गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों को कम रनों में सिमटा देते हैं और दूसरी पारी में पाकिस्तानी टीम को महज कुछ ओवर ही खेलने पड़ते हैं तो उसमें पाकिस्तानी टीम पूरी तरह से सक्षम है। पाकिस्तान के बल्लेबाज चाहे इमाम उल हक हो, बाबर आजम या फिर फकर जमान या इसके बाद मोहम्मद हफीज और शोएब मलिक और सरफराज अहमद तक सभी कम ओवरों में अच्छा खेलने के लिए जाने जाते हैं।
अगर इस टीम को डकवर्थ लूइस के तहत 15 या 20 ओवरों में 150 या इससे ज्यादा रन भी चेज करना होता तो टीम पूरी ताकत लगा देती। पाकिस्तानी टीम में इसी रणनीति को अपनाते हुए टॉस जीतने के बाद पहले गेंदबाजी का फैसला किया। लेकिन संयोग से बारिश ने उस स्तर पर मैच में खलल डाला नहीं और जब डाला तो मैच पाकिस्तान के हाथ से निकल चुका था. हालांकि पाकिस्तानी रणनीति की हवा भारतीय बल्लेबाजों ने ही निकाल दी थी, क्योंकि जिस तैयारी के साथ पाकिस्तान ने पहले गेंदबाजी चुनी वैसा करने में पूरी तरह विफल रहे।