भगवान शिव सिर्फ देवों के देव नहीं बल्कि कालों के काल महाकाल हैं और यदि मृत्यु आपके पास आ जाए तो आप महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने लगे। ऐसा करने से यम देवता कभी भी शिवभक्त को अपने साथ नहीं ले जा सकते हैं। पौराणिक कथाओं के मुताबिक रावण ने भी महामृत्युंजय मंत्र का जाप किया था और इस मंत्र के जाप से उसने महादेव को अपने वश में कर लिया था और फिर अमरता का वरदान प्राप्त किया था। विद्वानों के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति गंभीर रूप से बीमार हैं और वह महामृत्युंजय मंत्र का जाप करता हैं तो उसकी बीमारी बहुत जल्दी दूर हो जाती हैं। इतना ही नहीं यदि कोई व्यक्ति मृत्यु के अंतिम क्षण में हैं तो वह मृत्यु के अंतिम क्षण को भी मात दे सकता हैं। इसलिए ज्योतिषशास्त्री बीमार व्यक्तियों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा ऐसे भी व्यक्ति महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सकते हैं, जिनके ग्रह-नक्षत्र सही नहीं चल रहे हैं।
सावन में केवल 11 बार जप ले इस मंत्र को- आप इस 'ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ' का जाप सावन महीने के किसी भी दिन 11 बार करे, इससे आपके सारे दुख-दर्द दूर हो जाएगा। यह मंत्र इतना शक्तिशाली होती हैं कि इससे जपने मात्र से आपकी सभी बीमारी दूर हो जाती हैं।